इंदौर रोड का मोड़ 14 लोगों की जान ले चुका है गति अवरोधक नहीं, किसी को रोकने वाला नहीं

दोनों तरफ से तेज गति से आते हैं वाहन
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लाल सिग्नल होने के बावजूद रूकते नहीं
दोनों तरफ गति अवरोधक की जरूरत
पुलिस का ध्यान रहता है चालान में
अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। इंदौर रोड पर पिछले एक साल में कई हादसे हो चुके हैं। इन हादसों में 14 लोगों की जान जा चुकी है। इन हादसों का कारण वाहनों के तेज गति, लापरवाही, जगह निकलने की जद्दोजहद, पुलिस की लापरवाही और गति अवरोधक करना होना बताया गया है। यदि इन बातों पर ध्यान दे दिया जाए तो यहां कॉलोनियों में रहने वाले लोगों का जीना दुश्वार नहीं होगा। अभी स्थिति यह है कि बसंत विहार की ओर से शहर को आने वाले लोग डरे, सहमें रहते हैं। मन में यह भय रहता है कि इंदौर से आने वाला या उज्जैन से जाना वाला वाहन उन्हें अपनी चपेट में न ले ले।
कारों में हुई खतरनाक भिंड़त
पिछले दिनों इंदौर से आ रही गुजरात की एक कार का चालक गति पर नियंत्रण नहीं रख सका। इधर बसंत विहार की ओर से भी एक कार चालक शहर की ओर आने के लिए मुड़ा। इन दोनों कारों में खतरनाक भिंड़त हुई। इंदौर की ओर से आ रही एक कार बसंत विहार की ओर से आने वाली कार को अपनी चपेट में लेकर आगे तक बढ़ गई। गनीमत यह रही कि इस हादसे में दोनों कारों के बोनट क्षतिग्रस्त हुए। कारों में बैठे हुए लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ। इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ।
पिछले दिनों समाजवाद नगर इंदौर में रहने वाला एक युवक अपने रिश्तेदार से मिलने के लिए उज्जैन आया हुआ था। उसके परिवार के सदस्य की महिला चरक अस्पताल में भर्ती थी। जब वह त्रिवेणी पुल के नीचे उतरा तब दायीं ओर से आ रहे वाहन की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई थी। इस प्रकार की कई घटनाएं इस इलाके में हो चुकी हैं।
गति अवरोधक बनना चाहिए
बसंत विहार इलाका तेजी से विकसित होता जा रहा है। इस इलाके में अब कई मकान बन चुके हैं। कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी बन चुके हैं। लोगों का शहर की ओर सुबह-शाम आना-जाना लगा रहता है। दिन में तो लोग अपनी गति पर काबू पा लेते हैं, लेकिन शाम 7 बजे बाद ये इलाका बेहद खतरनाक हो जाता है। इस इलाके में रहने वाले प्रियरंजन सिंह, अंजलि सिंह, दीपिका सिंह, राजेश श्रीवास्तव, मुकेश शर्मा, राजीव शर्मा, विकास पुरोहित आदि का कहना है कि बसंत विहार के मोड़ पर गति अवरोधक बनना चाहिए। इसी प्रकार इंदौर से उज्जैन की ओर जाने वाले रास्ते पर भी गति अवरोधक बनाने की जरूरत है।
पुलिस इस इलाके में स्पीडोमीटर लगाए
लोगों का कहना है कि इंदौर-उज्जैन मार्ग पर पुलिस तैनात तो रहती है लेकिन पुलिस ने अपना कैंप सडक़ के एक कोने में लगा रखा है। वहां पर पुलिस द्वारा वाहनों की सिर्फ चेकिंग होती है। पुलिस के पास वाहनों की गति नापने के लिए स्पीडोमीटर होना चाहिए। पुलिस चालान बनाने के साथ-साथ गति पर भी नियंत्रण लगाए। पिछले दिनों दो समाजसेवियों ने यहां मौजूद पुलिसकर्मियों से इस संबंध में चर्चा की। उनका कहना था कि इंदौर से आने वाली बसों के चालक किसी की नहीं सुनते हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को ही इन पर ध्यान देने की जरूरत है। वे हमें निर्देश देंगे तो हम उनके खिलाफ जरूर कार्रवाई करेंगे।
कार्रवाई करेंगे
पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा का कहना है कि मेरे संज्ञान में यह समस्या लाई गई है। वैसे उस इलाके में पुलिस व्यवस्था बहुत पहले से की गई है। वाहनों की गति पर अंकुश लगाया जाए। इस दिशा में काम किया जाएगा। गति अवरोधक के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।