साफ सफाई का ठेका निजी एजेंसियों के पास, काम मेें लापरवाही
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन रोजाना करोड़ों का कारोबार करने वाली संभाग की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी नियमित साफ-सफाई में फिसड्डी साबित हो रही है। इनदिनों यहां कीचड़, गंदगी और बदबू से व्यापारी और किसान खासे परेशान है। खास बात यह है कि मंडी परिसर की सफाई के हर माह 2 लाख रुपए खर्च किया जा रहा है, बावजूद स्थिति जस के तस बनी हुई है।
दरअसल, आगर रोड स्थित कृषि उपज मंडी में सबसे दयनीय स्थित सब्जी मंडी परिसर की है जहां पर सब्जी व्यापारियों के लिए व्यापार करना भी दूभर है। नियमित साफ-सफाई के अभाव में टमाटर और सड़ी-गली सब्जियों के ढेर सड़कों पर फैले रहते है। इससे हर वक्त गंदगी और बदबू फैली रही है। ऐसी ही परेशानी किसानों के सामने भी है। किसानों को भी अपना माल गंतव्य स्थान तक ले जाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। मजबूरी में भी वे गंदगी और कचरे के बीच ही अपना माल बेच रहे हैं।
मवेशियों की परेशानी
उल्लेखनीय है सब्जी मंडी में प्रतिदिन शहर सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों से किसान सब्जियां और उपज बेचने मंडी पहुंचते हैं। रात्रि को ही किसान माल लेकर पहुंच जाते हैं, ऐसे में मंडी में घूमते मवेशी दुकानों पर जमा सब्जियों में मुंह मारते हैं। वहीं पर्याप्त सफाई के अभाव में किसान गंदगी और बदबू के बीच ही अपना माल बेचने को मजबूर हैं।
दिया तले अंधेरा
कृषि उपज मंडी परिसर को छोडि़ए यदि मंडी कार्यालय के पीछे ही देखा जाए तो कचरे का ढेर लगा है। ठेकेदार के सफाईकर्मी अधिकारियों को दिखाने के लिए केवल मुख्य मार्गों की सफाई करते हैं लेकिन पीछे की गलियों व शेड परिसर सब्जी मंडी रोड पर ठेकेदार के सफाईकर्मी नियमित सफाई नहीं करते हैं। व्यवस्था पर एक नजर
सब्जी मंडी – साफ-सफाई व्यवस्था श्रीकृष्ण एंड कंपनी के पास है।
अनाज मंडी – साफ-सफाई व्यवस्था अजय मोरटे इंटरप्राइजेस के पास है।
फल मंडी – साफ-सफाई की जिम्मेदारी मंडी के पास है
वर्तमान एजेंसी से नियम अनुसार काम लेने के लिए सख्ती की जा रही है। ठेका खत्म होने पर अनुभवी और सक्षम एजेंसियों के प्रस्ताव लेकर ठेका दिया जाएगा।
– उमेश शर्मा, सचिव कृषि उपज मंडी