जब सीएम नंदी के पास बैठकर पूजा करते हैं तो रुद्राक्ष के लिए गर्भगृह में प्रवेश क्यों?

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव महाकाल मंदिर की गरिमा, नियम और प्रशासनिक व्यवस्थाओं का ध्यान रखते हुए सपत्नीक नंदी के पास बैठ कर ध्यान लगाते हैं और देहरी से दर्शन करते हैं। वे सीएम हैं, चाहें तो हर दिन गर्भ गृह में प्रवेश कर दर्शन कर सकते हैं, लेकिन वे मंदिर की मर्यादा भंग नहीं करते। इंदौर के क्षेत्र क्रमांक तीन के भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष को गर्भगृह से ही दर्शन करना है भले ही आम आदमी पर यहां पाबंदी हो।
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रुद्राक्ष की यह पहली हरकत नहीं है। देवास में पहाड़ी पर स्थिति चामुंडा माता मंदिर के पुजारी को धमका कर मंदिर खुलवाने का वीडियो पूरा देश देख चुका है। यह बात अलग हैै राजनीतिक दबाव बना तो माफी मांगना पड़ी, लेकिन हरकत तो की थी। महाकाल मंदिर में भी जबरन घुसने का यह कोई पहला मामला नहीं है। जिस समय भस्मार्ती प्रभारी अशीष दुबे से विवाद हुआ उस समय कैमरों का बंद हो जाना यह साबित कर रहा है कि मंदिर प्रशासन इस पूरे मामले को दबाना चाहता है। कलेक्टर ने कहा है कि मंदिर प्रशासन पूरे मामले की जांच करेगा। मंदिर प्रशासक फोन उठाने को तैयार नहीं हैं।
दरअसल, विधायक गोलू शुक्ला की कांवड़ यात्रा रविवार रात उज्जैन पहुंची थी। सोमवार तडक़े करीब ढाई बजे भस्मार्ती के पट खुलने के बाद गोलू शुक्ला अपने समर्थकों के साथ महाकाल मंदिर पहुंचे। बेटा रुद्राक्ष भी साथ था। वह गर्भगृह में चला गया। इस दौरान मंदिर आशीष दुबे ने उसे रोकने की कोशिश की, तो रुद्राक्ष ने उसे धमकाया। दोनों ने करीब 5 मिनट तक मंदिर में पूजा-अर्चना की।
लाइव प्रसारण बंद रहा
महाकाल मंदिर में लाइव दर्शन का इंतजाम भी है। श्रद्धालु कभी भी भगवान महाकाल के दर्शन ऑनलाइन कर सकते हैं। सावन के दूसरे सोमवार को भस्मार्ती से ठीक पहले ऑनलाइन दर्शन की यूट्यूब लिंक में ब्लैंक आ रहा है। सवाल यह है कि प्रसारण उसी समय क्यों बंद हुआ? यानी मंदिर प्रशासन रुद्राक्ष कांड पर पर्दा डालना चाहता है।
गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति किसने दी
गोलू शुक्ला के बारे में सिर्फ चर्चा है कि उन्होंने पांच लोगों की अनुमति ली थी। सवाल यह है कि जब गर्भगृह में जाने पर पाबंदी है तो अनुमति किसने दी? यदि दी है तो इसका मतलब यह है अधिकारी मंदिर के नियमों को धता बता रहे हैं, मनमानी कर रहे हैं। क्या उन्हें मनमानी करने के लिए यहां तैनात किया गया है। बड़ा सवाल यह है कि जब अनुमति मांगी गई होगी तब यह नहीं कहा जा सकता था कि मुख्यमंत्री गर्भगृह की देहरी से दर्शन करते हैं।
पहले भी नियम तोड़ दर्शन किए थे
4 साल पहले भी ऐसा ही विवाद सामने आया था। गोलू शुक्ला के छोटे बेटे रुद्राक्ष ने महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जाकर दर्शन किए। रुद्राक्ष ने यहां फोटो खिंचवाया और उसे फेसबुक पर अपलोड भी किया था। रुद्राक्ष अपने दोस्तों के साथ दर्शन करने पहुंचा था। महाकाल मंदिर में सावन के महीने में जहां आम श्रद्धालु करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी लाइन में लगने के बाद सिर्फ 200 फीट दूर से दर्शन कर पा रहे हैं, वहीं ये वीवीआईपी नियमों को ताक पर रखकर गर्भगृह में प्रवेश कर रहे हैं।
मंदिर प्रशासक फोन क्यों नहीं उठाते
मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक सिर्फ प्रशासक ही नहीं एडीएम भी हैं। जब कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने यहां कलेक्टर के रूप में पदभार ग्रहण किया और पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए तब उन्होंने कहा था। अधिकारियों को अखबार पढऩा चाहिए। इससे पता चलता है कि शहर में क्या हो रहा है। पत्रकारों से बात करते रहना चाहिए। संवादहीनता रिश्तों को तोड़ती है। बात कीजिए। इससे समस्याओं का समाधान भी होगा। यहां आलम यह है कि मंदिर प्रशासक फोन न उठाने के मामले में चर्चित हो रहे हैं। कलेक्टर फोन उठा लेते हैं। बता देते हैं कि क्या हो रहा है। क्या करना है, लेकिन मंदिर प्रशासक को किसी से कोई सरोकार नहीं है।
प्रतिमा की सुरक्षा के लिए प्रतिबंध लगाया
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित है। यहां केवल पुजारी के अलावा महामंडलेश्वर, वीवीआईपी और मंदिर समिति से अनुमति प्राप्त व्यक्ति को गर्भगृह में प्रवेश की पात्रता है। बाकी लोग नंदी हॉल से ही दर्शन कर सकते हैं। प्रतिबंध भगवान महाकाल की प्रतिमा की सुरक्षा को देखते हुए लगाया गया था।
कलेक्टर ने कहा जांच होगी
कलेक्टर रौशन कुमार सिंह कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है। रुद्राक्ष ने गर्भगृह में पहुंच कर पूजा-अर्चना की। इस मामले की जांच मंदिर समिति द्वारा की जाएगी। यानी प्रशासक ही जांच करवाएंगे। जब प्रशासक से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
कई नेताओं ने नियम तोड़े प्रवेश के
12 मार्च 2023
रंगपंचमी पर भाजपा नेता और तत्कालीन इंदौर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गोलू शुक्ला का पुत्र रुद्राक्ष शुक्ला भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में पहुंच गया। इसका वीडियो, फोटो सामने आया। मंदिर समिति ने जांच रिपोर्ट बनाकर समिति अध्यक्ष को भेज दी थी। आज तक कुछ नहीं हुआ। जांच दिखावा साबित हुई।
5 अप्रैल 2023
भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ इंदौर के विधायक रमेश मेंदोला गर्भगृह में पूजन करने के बाद ध्यान लगाते दिखाई दिए, जबकि 3 से 10 अप्रैल 2023 तक शहर में पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण थी। इस दौरान मंदिर प्रबंध समिति ने गर्भगृह में प्रवेश बंद कर दिया था।
1 दिसंबर 2023
शहर के दो एडिशनल एसपी जयंत राठौर और गुरुप्रसाद पाराशर ने सोला पहनकर गर्भगृह में प्रवेश किया और पूजा भी की। मामले में कलेक्टर का कहना था कि उन्हें अनुमति नहीं दी गई। सुरक्षाकर्मी, पुजारी और मंदिर के कर्मचारी बाहर खड़े सब देखते रहे। इसका वीडियो भी सामने आया।
8 जुलाई 2024
भाजपा के प्रदेश संगठन प्रभारी महेंद्र सिंह और उनकी पत्नी ने गर्भगृह में महाकालेश्वर की पूजा-अर्चना की। इसका भी फोटो और वीडियो सामने आने के बाद जमकर बवाल मचा है। इस पर श्रद्धालु ही नहीं, पंडे-पुजारी भी नाराज हुए थे।
10 अगस्त 2024
उज्जैन उत्तर के विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा का जन्मदिन था। इस मौके पर वे महाकाल मंदिर में पूजा करने पहुंचे थे। उनके साथ भाजपा के सराफा मंडल अध्यक्ष अजय तिवारी भी गर्भगृह में पूजन करते दिखाई दिए।
अब तो सीएम को ही निर्देश देना होंगे
मंदिर में नियम टूटते जा रहे हैं। रुद्राक्ष जैसे कई मोती हैं जो नियमों को मात देकर प्रशाासनिक व्यवस्थाओं को धता बता रहे हैं। ऐसे लोगों पर अंकुश लगाना जरूरी हो गया है। महाकाल बाबा पूरे विश्व में विख्यात हैं। महालोक बनने के बाद से तो उज्जैन की कीर्ति दूर-दूर तक फैली है। बाबा के दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। छोटी-छोटी खबरें भी मीडिया की सुर्खियां बन जाती हैं। इसलिए अब सीएम डॉ.मोहन यादव को सख्त निर्देश देना होंगे कि मंदिर में किसी की नहीं चलेगी। कोई नियम नहीं तोड़ेगा। मूक दर्शक बने और लापरवाही पर लीपापोती करने वाले जब सस्पेंड होंगे तब यहां की व्यवस्था बन सकेगी।