प्लाट के नाम पर धोखाधड़ी की शिकायत को दो माह बीते, दर्ज नहीं हुआ केस
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन। पुलिस की लचर कार्यप्रणाली का ही परिणाम है कि थाने में शिकायत लेकर पहुंचने वाले फरियादी कई बार स्वयं को आरोपी समझने लगते हैं। ऐसा ही मामला चिमनगंज थाना क्षेत्र में सामने आया जिसमें फरियादी को धोखाधड़ी की शिकायत का आवेदन दिये 2 माह बीतने के बाद भी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस तक दर्ज नहीं किया।
नर्मदाशंकर चौधरी निवासी खिलचीपुर नाका आगर रोड़ ने बताया कि उन्होंने अश्विन पिता महेन्द्र कासलीवाल से वर्ष 2016 में पंचक्रोशी मार्ग स्थित खुशी नगर कालोनी में 70-70 हजार रुपये में दो प्लाट खरीदे थे। नर्मदा शंकर ने बताया कि कुछ वर्ष बाद उन्हें पता चला कि खुशी नगर कालोनी अवैध है और रेलवे की जमीन पर काटी गई है। वह अश्विन कासलीवाल के पास पहुंचे और रुपये वापस मांगे तो अश्विन ने कहा कि मेरी दूसरी कालोनी सुंदर नगर में प्लाट ले लो, लेकिन वहां 25-25 हजार रुपये अधिक लगेंगे।
नर्मदाशंकर ने उस कालोनी में बाकि रुपये देकर प्लाट लिये साथ ही एक प्लाट और खरीदा लेकिन बाद में पता चला कि उक्त कालोनी भी अवैध है। महेन्द्र ने उक्त प्लाट की रजिस्ट्री करने से भी इंकार कर दिया। ठगी में लाखों रुपये गंवा चुके नर्मदाशंकर ने चिमनगंज थाने में 23 फरवरी को शिकायती आवेदन दिया। पुलिस ने जांच के बाद अश्विन कासलीवाल को थाने बुलाया जहां उसने पांच दिन में मामला निपटाने का आश्वसन दिया और नहीं निपटाने पर केस दर्ज कर लेने के पुलिस को बयान दिये, लेकिन दो माह बीतने के बाद भी पुलिस ने अब तक अश्विन कासलीवाल पर केस दर्ज नहीं किया है।
हमें थाने बुलाकर दिन भर बैठाते हैं
नर्मदाशंकर ने बताया कि जांच के नाम पर पुलिस द्वारा थाने बुलाया जाता है। 6-6 घंटे थाने में बैठाते हैं फिर पुलिस कहती है कि अश्विन थाने नहीं आया है जब वह आयेगा तो बुला लेंगे, लेकिन उसके खिलाफ केस दर्ज नहीं किया जाता।
टीआई बोले.. मैं दिखवाता हूं
चिमनगंज थाना प्रभारी चंद्रिकासिंह यादव ने कहा कि नर्मदाशंकर चौधरी एक बार मुझसे मिले हैं। एसआई मामले की जांच कर रहे हैं। यदि उन्हें थाने में बैठाया जाता है तो यह गलत है। मैं शीघ्र जांच करने के निर्देश दूंगा।