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वर्तमान के श्रोता परीक्षित की तरह नहीं इसलिए सावधानी जरूरी-अमोघलीला प्रभु

इस्कॉन मेें भक्ति चारू महाराज का 80 वां पांच दिवसीय व्यास पूजा उत्सव शुरू

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। इस्कॉन उज्जैन के संस्थापक भक्ति चारू महाराज के ८० वें व्यास पूजा उत्सव में जाने-माने मोटिवेटर अमोघलीला प्रभु ने कहा कि वर्तमान में श्रोता परीक्षित की तरह नहीं है, जो पूरी सावधानी से कथा का श्रवण करें। ऐसे में वक्ता को चाहिए कि वह विषय का गहन अध्ययन करें। वक्ता को समाज में हो रहे बदलाव का अच्छा होना होना चाहिएा। इस्कॉन में 18 सिंतबर तक चलने वाले पांच दिवसीय आयोजन में देश-विदेश के ३ हजार से ज्यादा भक्त शामिल होंगे।

रोजाना दो सत्र में होने वाले कार्यक्रम में प्रवेश यूं तो रजिस्ट्रेशन के जरिये है लेकिन रविवार को वसुधैव कुटुंबकम पर अमोघलीला प्रभु का खुला व्याख्यान आयोजित किया गया। अमोघलीला जी ने कहा कि श्रोता बहुत व्यस्त है, अगर उसे बात समझ नहीं आएगी तो वह बोर होकर सोने लगेगा। ऐसे में वक्ता अपनी बात कहने के लिए गहरा अध्ययन करें, इसके लिए वह लगातार किताबें पढ़ें।

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यह भी कहा
प्रभुपाद ने वसुधैव कुटुंबकम को अपने जीवन में इतना गहरा उतार लिया था कि जब वह अमेरिका के न्यूयार्क शहर पहुंचे तो वहां लोगों को अपना बना लिया। उन्होंने लंदन, जर्मनी जैसे देशों में गीता का प्रचार-प्रसार किया। उन्होंने सेवा को परमोधर्म समझा और इसे पूरे विश्व में फैलाया।

नॉनवेज खाने वाले देशों में शाकाहार का प्रसार किया
इस्कॉन की आज कई देशों में शाखाएं हैं। इनमें से कई देशों में मांसाहार का चलन है। वहां के लोगों को कृष्ण से जोडक़र इस्कॉन ने शाकाहार का प्रचार-प्रसार किया। पश्चिम बंगाल के मायापुर में इस्कॉन का सबसे बड़ा टैंपल बन रहा है। इस टैंपल के निर्माण में ५० फीसदी धन विदेशी दे रहे हैं। वे हमें सिर्फ पैसा नहीं भेजते, वह कृष्ण के दर्शन को अपने जीवन में ढाल-अपना रहे हैं।

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कुंभ में भी इस्कॉन ने दी सेवा
इस्कॉन मानवता और सनातन के लिए समर्पित हैं। प्रयागराज कुंभ में इस्कॉन ने 4 पांडाल लगाए और लाखों लोगों को भोजन प्रसादी वितरित की। कार्यक्रम में सवाल-जवाब का सेशन भी हुआ। इसमें अमोघलीला प्रभु ने लोगों के सवालों के जवाब दिए। इस्कॉन के कम्युनिकेशन डायरेक्टर राघव पंडित दास के मुताबिक पांच दिवसीय कार्यक्रम में मलेशिया, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, फिजी, यूके, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया एवं यूरोप के कई देशों से 150 और देश के 3 हजार भक्त शामिल होंगे।

2004 में भक्ति चारू महाराज ने उज्जैन में रखी थी आधारशिला
इस्कॉन को उज्जैन में आए 21 साल हो गए हैं। 2004 मेें भक्ति चारू महाराज ने उज्जैन में इस्कॉन की नींव रखी थी। सबसे पहले महानंदानगर स्थित कम्युनिटी हॉल में इस्कॉन का शुभारंभ किया गया था। फिर उज्जैन विकास प्राधिकरण से भूखंड लेकर स्थायी मंदिर, गोविंदा रेस्टोरेंट और निवास शुरू किए गए।

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