पीएचई ने एक दिन छोड़कर जलप्रदाय का प्रस्ताव बनाया
अक्षरविश्व प्रतिनिधि .उज्जैन। पिछले मानसून सीजन में गंभीर डेम अपनी क्षमता 2250 एमसीएफटी तक भरने के बाद भी शहर को इस वर्ष जलसंकट का सामना करना पड़ेगा। पीएचई द्वारा शहर में एक दिन छोड़कर जलप्रदाय का प्रस्ताव एमआईसी की ओर प्रेषित किया गया है, लेकिन जिस दिन जलप्रदाय नहीं होगा तो शहरवासी क्या करेंगे इसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था का उल्लेख प्रस्ताव में नहीं है।
पाइप लाइन के माध्यम से नर्मदा का पानी शिप्रा नदी तक लाने के बाद पीएचई अफसरों द्वारा कहा गया था कि अब शहर कभी जलसंकट का सामना नहीं करेगा। गंभीर बांध भी पूरी क्षमता से भरा था बावजूद इसके शहर के सामने जलसंकट खड़ा हो गया।
वर्तमान में गंभीर डेम में 769.67 एमसीएफटी पानी का मौजूद है इसके मान से जून माह तक चल सकता है। तर्क है कि यदि जून माह में बारिश के बाद डेम में पानी की आवक नहीं हुई तो जलप्रदाय की स्थिति बिगड़ सकती है इसलिये अभी से शहर में एक दिन छोड़कर जलप्रदाय करना उचित होगा।
गंभीर में 75 दिन का पानी शेष
शहर की सुचारू जलप्रदाय व्यवस्था के लिए महापौर मुकेश टटवाल, आयुक्त रोशन कुमार सिंह और पीएचई के अधिकारियों ने गंभीर डेम का जायजा लिया। अधिकारियों ने बताया कि डेम में ७६९ एमसीएफटी पानी है। प्रतिदिन ९ एमसीएफटी खपत होती है। डेम में ७५ दिन का पानी शेष है। एक दिन छोड़कर जल प्रदाय करने की स्थिति में १११ दिन का पानी शेष है।