ट्रेन के गेट पर बैठे युवकों के पैर प्लेटफार्म से टकराए, एक की मौत दूसरा घायल

By AV News

लापरवाही… रेल में सफर के दौरान युवकों को नासमझी भारी पड़ गई

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन रेलवे विभाग द्वारा देश भर के सभी स्टेशनों के प्लेटफार्म को एक निश्चित मापदंड के अनुसार बनाया गया है जहां से यात्रियों के ट्रेन में चढऩे व उतरने की व्यवस्था को ध्यान में रखा गया है, लेकिन कुछ लोग रेलवे नियमों का उल्लंघन करते हुए गेट पर बैठकर यात्रा करते हैं जिसका परिणाम बड़ी दुर्घटना में बदलता है। बुधवार को मताना बुजुर्ग स्टेशन से गुजरी ट्रेन के गेट पर बैठे दो युवक दुर्घटना का शिकार हुए जिनमें से एक की मृत्यु हो गई और दूसरे का अस्पताल में उपचार चल रहा है।

घायल यात्री ने बताई आंखों देखी…

अंकुल चौरसिया 19 वर्ष निवासी सतना अपने दोस्त रितीक चौरसिया पिता रणजीत 20 वर्ष निवासी रीवा के साथ रीवा-अंबेडकर नगर एक्सप्रेस में इंदौर के लिये यात्रा कर रहा था। अंकुल ने बताया कि ट्रेन में भीड़ अधिक होने के कारण दोनों दोस्त जनरल कोच के गेट पर पैरदान की सीढिय़ों पर पैर रखकर बैठे थे। शाम को ट्रेन इंदौर की तरफ तेज रफ्तार से चल रही थी तभी मताना बुजुर्ग स्टेशन आया। यहां अचानक प्लेटफार्म से दोनों युवकों के पैर टकराए। अंकुल तुरंत प्लेटफार्म पर जा गिरा जबकि उसका दोस्त रितीक चौरसिया चलती ट्रेन से पटरियों पर गिरा जिस के ऊपर से ट्रेन के पहिये गुजर गए और उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।

दोस्त बोला- तीन कोच में जाकर चेन खींची लेकिन ट्रेन नहीं रुकी

रितीक के दोस्त शुभम का कहना था कि अंकुल से दुर्घटना की सूचना मिलते ही मैंने ट्रेन की चेन खींची लेकिन ट्रेन नहीं रुकी। तीन अलग-अलग कोच में जाकर चेन खींचकर ट्रेन रुकवाने की कोशिश करता रहा लेकिन ट्रेन देवास स्टेशन पर जाकर रुकी। वहां से बस में बैठकर वापस मताना बुजुर्ग आया और अंकुल को अस्पताल भिजवाने के साथ रितीक का शव लेकर जिला अस्पताल आया। मृतक रितीक के मामा ने बताया कि उनका भांजा इंदौर में पान की दुकान पर काम करता था। अंकुल इंदौर में ही ढाबे पर काम करता है। रितीक के पिता गांव में इलेक्ट्रिक की दुकान चलाते हैं।

ट्रेन के गेट पर बैठकर यात्रा करना अपराध

स्टेशन प्रबंधक संजय सक्सेना ने बताया कि ट्रेन के गेट पर बैठकर यात्रा करना रेलवे नियम के अनुसार अपराध है। बार-बार हिदायत के बाद भी लोग गेट पर बैठकर पैरदान पर पैर लटकाकर यात्रा करते हैं और दुर्घटना का शिकार होते हैं। मताना बुजुर्ग स्टेशन पर उज्जैन-इंदौर शटल, इंदौर नागदा शटल ट्रेनों का ठहराव होता है। एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनें यहां नहीं रुकतीं। मताना बुजुर्ग स्टेशन के प्लेटफार्म का एक वर्ष पहले ही रिनोवेशन हुआ है और रेलवे मापदंड के अनुसार निर्माण किया गया है।

होश आया तो दूसरे कोच में बैठे दोस्त को फोन लगाया

अंकुल ने बताया कि रितीक की लाश पटरियों पर पड़ी थी। मुझे कुछ देर बाद होश आया तो देखा आसपास लोगों की भीड़ थी। मैंने अपने मोबाइल से दूसरे कोच में यात्रा कर रहे दोस्त शुभम को सूचना दी। काफी देर बाद वह हम तक पहुंचा। इसके बाद स्थानीय पुलिस और अन्य लोगों की सहायता से रितीक को तलाशा। जब वहां पहुंचे तो रितीक की लाश मिली।

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