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दिव्यांग का ‘सहारा’ बने कानून के रखवाले

अक्सर हम पुलिस का नाम सुनते ही डर जाते हैं या फिर हमारे मन में कड़क पुलिसकर्मियों की छवि उभर आती है लेकिन जीवाजीगंज और महाकाल पुलिस का एक मानवीय चेहरा नजर आया जिसे पढ़कर आप भी सलाम करेंगे। कानून के इन रखवालों ने आधी रात मंगलनाथ मंदिर क्षेत्र में नाले में गिरे दिव्यांग का ना सिर्फ रेस्क्यू किया बल्कि उसे सुरक्षित घर पहुंचाया, वहीं महाकाल दर्शन करने आए मानसिक कमजोर श्रद्धालु को उसके परिवार से मिलवाया।

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आधी रात को 2 घंटे की मेहनत के बाद नाले से रेस्क्यू कर पहुंचाया घर

 

उज्जैन। जीवाजीगंज थाना क्षेत्र में संचालित एफआरवी 09 को इवेंट भोपाल (डायल 112) से सूचना मिली कि मंगलनाथ मंदिर के आसपास एक दिव्यांग नाले में गिर गया है। उसकी तीन पहिया साइकिल की बैटरी डिस्चार्ज है और रास्ते की भी जानकारी नहीं जिसके बाद जीवाजीगंज थाने की रात्रि गश्त में लगी दोनों बीट पार्टियों में लगे आरक्षक जगदीश गहलोत, थान सिंह, निर्मल देलावर, सत्येंद्र कुशवाहा और एफआरवी पायलट ने सर्च ऑपरेशन चलाते हुए मंगलनाथ मंदिर परिसर एवं आसपास के क्षेत्रों में सर्चिंग की लेकिन दिव्यांग का पता नहीं चला। इसके बाद नदी और उसके आसपास के क्षेत्रों में तलाश शुरू हुई।

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करीब 2 घंटे की अथक मेहनत के बाद अंगारेश्वर महादेव मंदिर के पास निर्माणाधीन नाले के समीप दिव्यांग जगदीश को सुरक्षिक रेस्क्यू कर लिया गया। जगदीश ने बताया कि वह मूलत: गुना का रहने वाला है और वर्तमान में गायत्रीनगर में किराए से रहता है। इसके बाद जगदीश का सहारा बने पुलिसकर्मियों ने उसे सुरक्षित घर पहुंचाया। देर रात पुलिस की इस मदद के लिए जगदीश ने उनका आभार माना।

महाकाल दर्शन करने आए शख्स को महाकाल पुलिस ने अपनों से मिलवाया

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उज्जैन। अपराधियों की धरपकड़ और अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए जानी-पहचानी जाने वाली महाकाल पुलिस ने मानसिक रूप से कमजोर एक श्रद्धालु को अपने परिवार से मिलवा दिया। पुलिसकर्मियों ने करीब साढ़े तीन घंटे की मशक्कत के बाद उन्हें होटल के पास से ही सुरक्षित ढूंढ निकाला। अपने बेटे को देख मां की आंखें नम हो गईं और उन्होंने पुलिस को धन्यवाद दिया। महाकाल थाने के एएसआई चंद्रभानसिंह चौहान ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रहने वाले 40 वर्षीय मुकेश पिता अरुण कुमार पांडे अपनी मां व अन्य परिजनों के साथ भगवान महाकाल दर्शन करने के लिए उज्जैन आए थे।

बुधवार सुबह 11.30 बजे वह दर्शन करने के दौरान परिजनों से बिछड़ गए। मानसिक रूप से कमजोर मुकेश के गुम होने की शिकायत लेकर परिजन आनन-फानन में महाकाल थाने पहुंचे और पूरी घटना बताई। इसके बाद टीआई गगन बादल के निर्देश पर एएसआई चौहान अपनी टीम के साथ मुकेश की तलाश में निकले। उन्होंने हर संभावित जगह सर्चिंग और सोशल मीडिया की भी मदद की। अंतत: साढ़े तीन घंटे की मशक्कत के बाद मुकेश जिस होटल में परिवार के साथ ठहरे थे, उसी के करीब मिले जिसे परिजनों के सुुपुर्द किया। बेटे को सही सलामत देख वृद्ध मां एवं परिवार के अन्य लोगों की आंखें नम हो गईं और उन्होंने पुलिस को इस मदद के लिए धन्यवाद भी दिया।

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