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मुख्यमंत्री की मंशा : किसानों की सहमति से ही आगे बढ़े प्रशासन

सिंहस्थ क्षेत्र विकसित करने के लिए प्रशासन ने शुरू किया प्लान बी पर काम, बुनियादी इंफ्रा जितनी जमीन लेने की तैयारी

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सिंहस्थ में श्रद्धालुओं को सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रशासन ने अब काम तेज कर दिया है। उसने अच्छा इन्फ्रा जितनी जमीन जुटाने की कोशिश तेज कर दी है। इसके पीछे सीएम डॉ. मोहन यादव की मंशा है। डॉ. यादव ने प्रशासन को साफ कर दिया है कि स्पिरिचुअल सिटी की योजना पर किसानों के सहमति होने पर ही आगे बढ़ा जाए।

दरअसल प्रयागराज कुंभ में भगदड़ के बाद प्रशासन उज्जैन सिंहस्थ को लेकर चौकन्ना है। वहां 65 करोड़ श्रद्धालु आए थे। उज्जैन सिंहस्थ में भी 30 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। प्रयागराज में गंगा जी का बड़ा कछार होने से जमीन की दिक्कत नहीं थी, बावजूद भगदड़ हो गई थी और ट्रैफिक भी फंसा था। यूडीए ने व्यवस्थित ट्रैफिक, फिक्स सीवेज सिस्टम, बिजली पोल को देखते हुए करीब 2300 हेक्टेयर भूमि पर योजना बनाई है। हालांकि भारतीय किसान संघ सिंहस्थ जमीन पर बुनियादी इंफ्रा विकसित करने पर तो सहमत है लेकिन स्पिरिचुअल सिटी को लेकर उसके अपने तर्क हैं। ऐसे में सीएम डॉ. मोहन यादव ने प्रशासन को किसानों की सहमति से ही इस योजना पर आगे बढऩे का कहा है।

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स्पेशल सिंहस्थ पैकेज प्रस्ताव दिया
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक संभागायुक्त आशीषकुमार सिंह और कलेक्टर रौशनकुमार सिंह ने सर्किट हाउस में किसान संघ के पदाधिकारियों से इस संबंध में चर्चा की और उन्हें स्पेशल सिंहस्थ पैकेज का प्रस्ताव दिया। इसमें गाइडलाइन से ढाई गुना मुआवजा देने का ऑफर था। किसानों से चर्चा के बाद संघ पदाधिकारियों ने इस पर सहमति नहीं दी। हालांकि उन्होंने बुनियादी इन्फ्रा के लिए जमीन देने की बात मान ली।

खिलचीपुर क्षेत्र के 40 किसान तैयार
खिलचीपुर क्षेत्र के कुछ किसान प्रशासन के सहयोग के लिए तैयार हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक इनकी संख्या करीब 40 हैं। हालांकि यह छोटे किसान हैं और इनके पास करीब 200 बीघा जमीन है।

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सीएम की मंशा, किसानों की सहमति से ही आगे बढ़ें
सिंहस्थ क्षेत्र विकसित करने के संबंध में सीएम ने अपनी मंशा बता दी है। उनका साफ कहना है कि जोर-जबरदस्ती नहीं की जाए। किसानों की सहमति से ही आगे बढ़ा जाए।
रौशनकुमार सिंह
कलेक्टर उज्जैन

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