7 दिन में पूरी होने वाली विशाखा समिति की जांच अब तक अधूरी

26 दिन हुए एफआईआर को लेकिन पीयूष भार्गव का कुछ नहीं बिगड़ा

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अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। नगर निगम में पदस्थ महिला उपयंत्री को अभद्र व अश्लील मैसेज भेजने, उन्हें देर रात घर बुलाने और बुरी नीयत से बातचीत करने के मामले में संविदा कार्यपालन यंत्री की शिकायत नगर निगम आयुक्त को पिछले माह की गई थी जिसकी जांच उन्होंने विशाखा समिति को सौंपी और रिपोर्ट 7 दिनों में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। महिला उपयंत्री ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन दिया, महिला थाना पुलिस ने 26 दिन पहले एफआईआर दर्ज की इतना होने के बाद भी पीयूष भार्गव का कुछ नहीं बिगड़ा। निगम सूत्र बताते हैं कि आज भी वह पर्दे के पीछे से नगर निगम में सिंहस्थ के प्रोजेक्ट में हस्तक्षेप कर रहा है।

यह था मामला

नगर निगम में उपयंत्री के पद पर पदस्थ महिला ने संविदा कार्यपालन यंत्री पीयूष भार्गव की लिखित शिकायत नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक से पिछले माह की थी। उन्होंने शिकायती आवेदन में लिखा था कि विगत कुछ दिवस से नगर निगम उज्जैन में पदस्थ कार्यपालन यंत्री पीयूष भार्गव द्वारा मुझे निरंतर व्हाट्सएप, फोन एवं समक्ष में आपत्तिजनक बातें की जा रही हैं। मोबाइल पर इनके द्वारा की गई बातचीत का रिकार्ड शिकायत पत्र के साथ संलग्र कर रही हूं जिसमें मेरे विरोध करने के बावजूद उनके द्वारा कहा गया कि तुम्हारी याद आ रही थी इसलिए फोन किया। अन्य साथी मनोज राजवानी झोनल अधिकारी एवं मुकुल मेश्राम उपयंत्री के माध्यम से मुझे रात 9 बजे घर बुलवाया जो कि मेरे द्वारा मना किया गया। व्हाट्सएप चेट में वे मीसिंग यू लिख रहे हैं, मेरे विरोध पर उन्होंने उसे डिलीट करने का मैसेज किया। समक्ष में पीयूष भार्गव द्वारा कई बार कहा गया कि मैं तुमसे फिजिकल रिलेशन बनाना चाहता हूं। तुम कब तैयार हो, मैं तुम्हारा इंतजार करूंगा। उपयंत्री ने इसी आवेदन में भार्गव की करतूत से परेशान होकर नौकरी छोडऩे का मन बनाने, निजी जीवन प्रभावित होने की बात भी लिखी है।

विशाखा समिति की रिपोर्ट कहां गई किसी को नहीं पता

नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक ने उपायुक्त कृतिका भीमावत सहित अन्य अफसरों की विशाखा समिति बनाकर शिकायत की जांच 7 दिन में पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। विशाखा समिति ने महिला उपयंत्री सहित झोनल अधिकारी मनोज राजवानी, उपयंत्री मुकुल मेश्राम के बयान दर्ज किए। इसके बाद पीयूष भार्गव के बयान भी दर्ज हो गए। नगर निगम सूत्र बताते हैं कि समिति ने अपनी रिपोर्ट नगर निगम आयुक्त पाठक को सौंप दी है लेकिन वह इसे न तो सार्वजनिक कर रहे हैं और न ही पुलिस को सौंप रहे हैं।

दूसरी बार रिमांइडर भेजेंगे

महिला थाना प्रभारी लीला सोलंकी ने बताया कि संविदा कार्यपालन यंत्री पीयूष भार्गव के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए गए इसके अलावा नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर विशाखा समिति की जांच रिपोर्ट मांगी थी जो आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई है। 15 दिन गुजरने के बाद आयुक्त को एक रिमांडर पत्र भी लिखा गया जिसका कोई जवाब नहीं मिला है अब पुलिस द्वारा दूसरा रिमांडर भेजा जाएगा। पुलिस को मामले में आगे की जांच के लिए विशाखा समिति की रिपोर्ट की आवश्यकता है, वहीं दूसरी ओर महिला उपयंत्री ने अपने आवेदन, एफआईआर के अनुसार धारा 64 के तहत बयान दर्ज करा दिए हैं।

एफआईआर हुई तो निगम में आना छोड़ा

महिला उपयंत्री ने थाना प्रभारी चिमनगंज मंडी को संबोधित आवेदन 17 मार्च को दिया था। इसकी प्रतिलिपि उन्होंने पुलिस अधीक्षक, आयुक्त नगर निगम व महिला थाने को देकर तत्काल कार्यवाही की मांग की थी। महिला थाना पुलिस ने मामले में पीयूष भार्गव के खिलाफ छेड़छाड़ का केस दर्ज कर लिया। महिला उपयंत्री द्वारा व्हाट्सएप चैट, रिकार्डिंग आदि भी अपने पास सुरक्षित रख ली और नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर विशाखा समिति की रिपोर्ट मांगी थी।

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