Advertisement

उज्जैन से दिल्ली-मुंबई की यात्रा 10 घंटे में होगी पूरी

5 हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

किसान बोले- जमीन चली जाएगी तो क्या करेंगे

 

एमपी: पहले एक्सेस कंट्रोल्ड फोरलेन में किसानों के अवरोध की अड़चन

Advertisement

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सिंहस्थ 2028 से पहले उज्जैन से दिल्ली-मुंबई की यात्रा महज 10 घंटे में पूरी कराने के उद्देश्य से सरकार ने 5 हजार 17 करोड़ लागत के मध्यप्रदेश के पहले एक्सेस कंट्रोल्ड फोरलेन को मंजूरी दे दी है और इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम भी शुरू हो गया है, लेकिन उज्जैन तहसील के अंतर्गत घट्टिया तहसील के किसानों ने विरोध का बिगुल बजा दिया है। किसानों का कहना है, उनकी जमीन चली जाएगी तो वे क्या करेंगे।

उज्जैन-जावरा मार्ग को ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। घट्टिया तहसील के एसडीएम ने 13 गांवों की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सामाजिक समाघात दल नियुक्त किए गए हैं, जो निर्धारित समय सीमा में सामाजिक समाघात रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। इससे प्रभावित गांवों में हलचल मच गई है, क्योंकि हाईवे की राह में ऐसे किसान भी दायरे में आ रहे हैं, जिनके पास दो तीन बीघा जमीन ही है। इससे किसानों की नींद उड़ी हुई है।

Advertisement

इसके विरोध में किसानों ने उज्जैन कलेक्टर नीरजकुमार सिंह से गुहार लगाई है कि जमीन अधिग्रहित नहीं की जाए। ग्राम पंचायत सारोला के अंतर्गत आने वाले ग्राम पुरी खेड़ा के दर्जन भर से अधिक किसान जिनकी सिंचित भूमि को अधिग्रहित किए जाने को चिन्हित किया गया है। हालांकि इसके बनने से उज्जैन से दिल्ली-मुंबई की यात्रा 10 घंटे में पूरी हो जाएगी और हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से उज्जैन की कनेक्टिविटी भी बेहतर हो जाएगी।

102 किलोमीटर लंबे इस फोरलेन पर जगह-जगह अंडर पास (सब-वे) बनाए जाएंगे, यानी कहीं से भी कोई वाहन इस मार्ग पर नहीं आ सकेंगे। सिंहस्थ में भी बड़ी राहत मिलेगी। हाईवे का निर्माण इस तरीके से किया जाएगा कि आने वाले समय में इसे आठ लेन किया जा सके। 10 मीटर चौड़े इस सड़क मार्ग को पेव्हड शोल्डर ग्रीनफील्ड फोरलेन हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (एचएएम) पर बनाया जाएगा। मार्ग पर सात बड़े पुल, 26 छोटे पुल, 270 पुलिया, पांच फ्लाई ओवर, दो रेलवे ओवरब्रिज बनाए जाएंगे।

कैसा होगा हाईवे

लंबाई 102.80 किलोमीटर होगी। पूरा प्रोजेक्ट 17 सालों में पूरा होगा। प्रोजेक्ट के तहत सड़क किनारे पेवर ब्लॉक लगाए जाएंगे। सड़क से उज्जैन, रतलाम, इंदौर, और आस-पास के जि़लों को फ़ायदा होगा। जावरा नया ट्रांसपोर्ट और औद्योगिक हब बनेगा। इंदौर, उज्जैन, और पीथमपुर से दिल्ली और मुंबई के लिए ट्रांसपोर्टेशन आसान होगा।

इन गांवों में हलचल

रातडिय़ा, विनायगा, आजमपुरा, बड़ोदिया काजी, झिरन्या, नागपुरा चक, सारोला, धुलमहु, तुमड़ावादा, परोलिया झाली, सोडंग, वजीरपुर (जोगीखेड़ी), रामगढ़।

सुझाव ले लिए हैं

जिन किसानों की लंबी पट्टी में जमीन है, उनका सुझाव सामने आया है कि स्थान परिवर्तन किया जाए। सुझाव के अनुसार आगे की प्रक्रिया कर रहे हैं। जमीन अधिग्रहण के लिए ग्रामसभाएं भी हो चुकी हैं। जमीन के बदले मुआवजा दिया जाएगा। –राजाराम करजरे, एसडीएम

Related Articles