महाकाल मंदिर की लड्डू यूनिट अब चिंतामन गणेश के पास ही रहेगी

By AV News

20 करोड़ रुपए की योजना में बड़ा बदलाव, महालोक परिसर में नहीं बन सकेंगे लड्डू

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। महाकाल मंदिर के लिए करीब 20 करोड़ रुपए से आधुनिक लडडू निर्माण यूनिट को लेकर एक बड़ा बदलाव हुआ है। प्रशासन ने तय किया है कि नए भवन को महाकाल महालोक के लिए ही उपयोग किया जाएगा। लडडू बनाने की यूनिट चिंतामन गणेश मंदिर के पास यथावत रहेगी। वहीं उसका आधुनिक स्वरूप में विस्तार किया जाएगा।हालांकि नई लडडू यूनिट के लिए बेसमेंट सहित ग्राउंड फ्लोर का निर्माण शुरू हो चुका है।

महाकाल मंदिर में देश भर से आने वाले दर्शनार्थियों के लिए बेसन के लडडू आकर्षण का केंद्र होते हैं। लगातार बढ़ रही मांग को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने महाकाल मंदिर के अन्नक्षेत्र के सामने खाली पड़ी 50 हजार वर्गफीट जमीन पर 20 करोड़ रुपए से आधुनिक लडडू निर्माण यूनिट की योजना धरातल पर आने से पहले नया निर्णय हो गया है। लडडू यूनिट के हिसाब से बन रहे भवन को अब महाकाल महालोक के लिए ही किसी दूसरे प्रोजेक्ट के लिए उपयोग किया जाएगा। इसे बनाने का काम उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) को सौंपा गया है। यूडीए ने बेसमेंट तैयार कर दिया है और ग्राउंड फ्लोर का काम भी शुरू कर दिया है। इसे करीब 12 करोड़ रुपयों से बनाया जा रहा है। यहां लडडू बनाने की यूनिट बनाने का प्रोजेक्ट निरस्त कर दिया गया है। लडडू बनाने के लिए चिंतामन गणेश मंदिर के सामने ही विस्तार किया जाएगा। इस बदलाव के बाद यूडीए ने भी नए सिरे से काम शुरू कर दिया है।

महाकाल महालोक थाना भी बनाने का प्रस्ताव
महाकाल महालोक परिसर स्थित अन्नक्षेत्र भवन के सामने पिछले डेढ़ साल से नई लड्डू यूनिट बनाने का काम चल रहा है। यूनिट के हिसाब से बेसमेंट बनकर तैयार हो गया है और ग्राउंड फ्लोर पर हॉल निर्माण के लिए कॉलम बनाने का काम शुरू हो गया है। इस भवन का अब क्या उपयोग होगा, यह अभी तय नहीं है। पूर्व कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के निर्देश पर यहां लड्डू यूनिट न बनाने का निर्देश दिया जा चुका है। वे इसकी पुष्टि भी कर चुके हैं। कलेक्टर रोशन कुमार सिंह इस मामले में जल्द कोई निर्णय करेंगे। संभावना है कि यहां महाकाल महालोक पुलिस थाना बनाया जा सकता है। महाकाल मंदिर के लिए ही इसका उपयोग किया जा सकता है।

देर हुई, लेकिन ज्यादा नहीं…
लड्डू निर्माण यूनिट को महाकाल अन्नक्षेत्र में स्थानांतरित न करने के फैसले में देरी तो हुई लेकिन इतनी भी ज्यादा नहीं की अड़चनें खड़ी हों। अभी केवल नए प्रस्तावित भवन का बेसमेंट ही बना है। ग्राउंड फ्लोर का निर्माण नई योजना के अनुसार किया जा सकेगा। हालांकि यूडीए द्वारा भवन निर्माण कार्य जारी है। कार्यपालन यंत्री कुलदीपसिंह रघुवंशी ने बताया भवन का उपयोग किसी भी योजना में किया जा सकता है। जैसा निर्देश मिलेगा उसी अनुरूप काम होगा।

योजना पर एक क्लिक

20 करोड़ लागत से नई आधुनिक लड्डू निर्माण की योजना थी।

50 हजार वर्गफीट जमीन पर अन्नक्षेत्र के सामने बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर निर्माण।

12 करोड़ लागत से यूडीए द्वारा बनाया जा रहा भवन।

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