Friday, September 22, 2023
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सांसद भरे मंच से बोले…मंत्री जी, पहले मेरी बात सुन लो

अक्षरविश्व प्रतिनिधि. उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया को भरे मंच से प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री को कहना पड़ा मंत्री जी पहले मेरी बात सुन लो।

वजह यह थी कि सांसद शिक्षकों को नसीहत दे रहे थे कि प्राइवेट स्कूलों की तरह सरकारी स्कूल वाले विद्यार्थियों के मैरिट में आने पर विज्ञापन क्यों नहीं देते, जबकि सरकार इसके लिए फंड भी दे रही। इस दौरान मंच पर बैठे मंत्री परमार उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव और विधायक पारस जैन से बात कर रहे थे।

यह वाकया शुक्रवार शाम को उस समय हुआ जब शासकीय कन्या उमावि दशहरा मैदान में एक करोड़ रुपयों की लागत से निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया जा रहा था। सांसद फिरोजिया कह रहे थे जिस तरह तराना हायर सेकंडरी स्कूल के प्राचार्य दिग्विजयसिंह चौहान ने शत प्रतिशत रिजल्ट दिया, उसी तरह अन्य स्कूल क्यों रिजल्ट नहीं दे सकते। इस दौरान मंचसीन मंत्री परमार उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव और ओम जैन से चर्चा कर रहे थे। सांसद ने मंच से कहा ‘ओ, इंदरसिंह जी, पहले मेरी बात सुन लो, आप बाद में कर लेना।

पूर्व मंत्री जैन को भूल गए…!

पूर्व मंत्री विधायक पारस जैन काफी देरी से कार्यक्रम में आए। वजह यह कि उनको विभाग की ओर से आमंत्रण नहीं मिल सका था। कार्यक्रम शुरू होने के बाद उनके पास फोन पहुंचे तब वे आए। हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना था कि उनको कार्ड भेज दिया गया था। किसी कारण से कार्ड उनके हाथ नहीं पहुंच सका।

शिक्षा मंत्री के दर्द

1. जो जीता वो शिवाजी, महाराणा प्रताप… मंत्री परमार ने अपनी पीड़ा बताई कि इस देश में ये क्यों कहा जाता है कि जो जीता वो शिवाजी, जो जीता वो महाराणा प्रताप और उज्जैन के लोग ये क्यों नहीं कह सकते कि जो जीता वो विक्रमादित्य। जो जीता वो सिकंदर ही क्यों बोलें।

2. शिक्षक स्कूल की मिट्टी को प्रणाम करें… मंत्री ने कहा व्यापारी अपनी पेढ़ी पर जाता है तो उसे प्रणाम करता है। शिक्षक क्यों अपने विद्यालय की मिट्टी को प्रणाम नहीं करते। इससे विद्यार्थियों को भी प्रेरणा मिलेगी और वो शिक्षकों का भी सम्मान करेंगे। केवल आपके (शिक्षकों) के व्यवहार से संस्कार एक से दो होंगे।

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