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यातायात विभाग की लापरवाही भारी पड़ रही शहर के लोगों पर

सड़क हादसों की वजह अनियंत्रित गति, लापरवाही से वाहन चलाने की आदत, नाबालिगों के हाथों में स्कूटी और जल्दबाजी तो है ही, यातायात विभाग की लापरवाही भी शहर के बाशिंदों पर भारी पड़ रही है। सोशल मीडिया और पिंट मीडिया द्वारा लगातार सुझाव दिए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि यातायात व्यवस्था का किस तरह कचूमर निकल रहा है।

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बावजूद इसके विभाग का कोई अधिकारी सुनने को तैयार नहीं। यहां तक कि मौका मुआयना भी नहीं। हादसे बढ़ते जा रहे हैं। चामुंडा चौराहे पर पिछले दिनों कॉलेज की छात्रा गंभीर रूप से घायल हुई। उसके हाथ की हालत देख कर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। इसी चौराहे पर एक अधिकारी की पत्नी की दर्दनाक मौत हुई। एक और युवक तेज गति से आ रही कार का शिकार हुआ। हनुमान प्रसाद पेट्रोल पंप के सामने एक इंजीनियर की मौत हुई।

 

इसके पहले भी कई लोग काल का ग्रास बने। अब सेठी नगर में रहने वाले संजय आचार्य की दिल दहलाने वाली मौत हुई है। जीते जागते एक व्यक्ति के घर पर मातम की चादर बिछाने वाले कोई एक जिम्मेदार नहीं हैं। उस आचार्य परिवार के घर जाकर देखा जाए, किस तरह का रुदन और क्रंदन है। उस कारुणिक दृश्य को देख लोगों की आंखें भर आई हैं।

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पिछले दिनों जब आईजी उमेश जोगा ने पदभार संभाला तब पत्रकारों से कहा था, मुझे उस समय बेहद दु:ख होता है जब कोई व्यक्ति सड़क हादसे का शिकार होता है। परिवार के लोगों को रोता-बिलखता देखता हूं तो मनकरुणा से भर जाता है। आप सोचिए, जो व्यक्ति घर से सही सलामत जाता है और एक घंटे बाद सफेद चादर में लिपटी उस लाश आती है। एक आला अधिकारी सड़क हादसों में असामयिक मौत का शिकार होने वालों के लिए यह भाव रखते हैं और …। शहर के कई ऐसे ब्लैक स्पॉट हैं जहां पुलिस की मौजूदगी जरूरी है।

यातायात पुलिस वहां नहीं रहती। जीरो पाइंट ब्रिज के दोनों से कार और ऑटो को रोकने के प्रबंध करना चाहिए। इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। हरि फाटक ओवर ब्रिज पर किसी दिन कोई बड़ा हादसा होागा। कारण यह है कि ब्रिज के उतार पर बसें तेज गति से आती हैं और इंदौर गेट होती हुई देवासगेट चली जाती हैं।

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यह स्लीपर कोच की गति और चलाने का तरीका देखने लायक रहता है। यहां कोई पुलिस कर्मचारी नहीं रहता जो गति पर अंकुश लगा सके। थोड़ा आगे दो पुलिस कर्मचारी दिखाई देते हैं जो दो पहिया वालों को रोकते और चालान बनाते रहते हैं। चालान बसों के बनना चाहिए जो काल बन कर दौड़ती हैं। नाबालिग लड़के और लड़कियां स्कूटी दौड़ा रहे हैं उनकी वजह से टक्कर हो रही है। इन पर अंकुश लगना चाहिए।

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