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महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के नाम पर भ्रष्टाचार करने वालों की संख्या हुई 20

क्रिस्टल कंपनी का एक और कर्मचारी पकड़ में आया

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भस्मार्ती के ऑफलाइन पास से भी कर रहे थे गड़बड़ी

 

अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। महाकाल मंदिर में दर्शन के नाम पर भ्रष्टाचार करने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है। महाकाल मंदिर प्रशासन ने क्रिस्टल इंटीग्रेटेड कंपनी के एक और कर्मचारी को पकड़ा है। मंदिर प्रशासन के हाथ ऐसी जानकारी भी लगी है कि गिरोह भस्मारती पास के माध्यम से भी गड़बड़ी करता था और दर्शनार्थियों से अवैध कमाई करता था।

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महाकाल मंदिर प्रशासन ने शनिवार को क्रिस्टल कंपनी के एक कर्मचारी को पकड़ा है, लेकिन शिकायतकर्ता ने थाने पर अपना नाम देने से इंकार कर दिया, लेकिन कर्मचारी का चेहरा उजागर हो गया है। इस पर भी कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही मंदिर में दर्शन के नाम पर भ्रष्टाचार करने वालों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।

मंदिर के प्रभारी प्रशासक अनुकूल जैन ने इसकी पुष्टि की है। सूत्रों के अनुसार भस्मारती के ऑफलाइन पास भी भ्रष्टाचार में लिप्त गिरोह द्वारा अपने कब्जे में कर लिए जाते थे। इसके लिए वे मंदिर में पहले से अपने लोगों को लगा देते थे और अनुमति पत्र हासिल कर ऊंचे दामों पर दर्शनार्थियों को बेच देते थे। इस गिरोह में हार फूल प्रसाद बेचने वाले भी अपनी भूमिका निभाते थे। मंदिर प्रशासन को इसकी भी जानकारी हाथ लगी है। इसी कारण भस्मारती दर्शन पास की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। भस्म आरती के लिए 300 ऑफ़लाइन टिकट रोज उपलब्ध रहते हैं। इनका वितरण पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होता है। प्रभारी प्रशासक जैन द्वारा नई व्यवस्था लागू की गई है।

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सिर्फ दो बर्खास्त बाकी सस्पेंड क्यों?

महाकाल मंदिर प्रशासन ने जेल भेजे गए दो कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है, जबकि अन्य को सस्पेंड किया है। इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि सभी को बर्खास्त क्यों नहीं किया? चर्चा यह भी है कि कर्मचारियों को बर्खास्त न करने के लिए राजनीतिक दबाव भी आ रहे हैं। महाकाल भक्तों के बीच यह आवाज भी उठ रही कि अपराधियों के मकान तोड़ने की कार्रवाई की गई तो भक्तों के साथ भ्रष्टाचार करने वालों के मकान और होटलें तोड़ने की कार्रवाई भी की जाए जिससे भ्रष्टाचार करने वालों को कड़ा सबक मिल सके।

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