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चोरी की रिपोर्ट लिखवाने आए युवक से पुलिसकर्मी बोले- पहले दर्शन कर आओ, फिर लिख लेंगे

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:जीआरपी थाने में चोरी की रिपोर्ट लिखने में पुलिसकर्मियों द्वारा आनाकानी की जाती है। स्थिति यह है कि प्रतिदिन स्टेशन के प्लेटफार्म से यात्रियों के बैग, पर्स, मोबाइल चोरी हो रहे हैं, जबकि थाने में लापरवाही का आलम ऐसा है कि शिकायतकर्ता को रिपोर्ट लिखाने के लिये 4 से 5 घंटे इंतजार करना पड़ता है।

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यह है मामला

 

देवेन्द्र कुमार पिता रामअवधि निवासी भिलाई छत्तीसगढ़ अंबेडकर नगर एक्सप्रेस से उज्जैन दर्शन करने आया था। रात 2 बजे वह प्लेफार्म 1 पर सो गया। उसी दौरान अज्ञात बदमाश देवेन्द्र का पिट्ठू बैग चोरी कर ले गया। देवेन्द्र ने बताया कि बैग में कपड़े, मोबाइल व तीन हजार रुपये नगद रखे थे। वह तत्काल जीआरपी थाने में चोरी की रिपोर्ट लिखाने पहुंचा जहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उससे कहा कि आसपास तलाश कर लो, दर्शन कर आओ फिर रिपोर्ट लिख लेंगे। देवेन्द ने बताया कि दो घंटे बाद फिर थाने गया तो बाद में आने का कहकर भगा दिया और अब तीसरी बार रिपोर्ट करने आया तो पुलिसकर्मी कह रहे हैं बाहर बैठो कुछ देर बाद तुम्हारी शिकायत सुनेंगे।

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पुलिस नहीं कैमरों के भरोसे स्टेशन और परिसर

नियमानुसार आरपीएफ व जीआरपी को रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफार्म पर सतत गश्त करते हुए यात्रियों की सुरक्षा व जानमाल की रक्षा करना होता है लेकिन उज्जैन स्टेशन के कुल 8 प्लेटफार्म पर सिर्फ ट्रेन आने के दौरान ही पुलिसकर्मी या आरपीएफ के जवान दिखाई देते हैं। जो पुलिसकर्मी प्लेटफार्म पर ड्यूटी करते हैं वह अपनी उपस्थिति ही दर्ज कराते हैं, जबकि उन्हें संदिग्ध दिखने वालों या फिर गुण्डे बदमाशों से कोई सरोकार नहीं होता।

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पूरा रेलवे स्टेशन और परिसर सीसीटीवी कैमरों के भरोसे संचालित हो रहा है। यदि कोई चोरी, जेबीकटी अथवा सामान गुम होने की शिकायत करने थाने पहुंचता भी है तो उसे आरपीएफ, जीआरपी के सीसीटीवी कैमरे दिखाए जाते हैं। रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म हो या टिकिट विंडो अथवा परिसर कहीं भी यात्री सुरक्षित नहीं हैं। टिकिट विंडो के सामने अथवा प्लेटफार्म पर लेटकर ट्रेन का इंतजार करने वाले यात्री चोरों के निशाने पर होते हैं। बदमाश यहां पलक झपकते ही यात्रियों के बैग, पर्स, मोबाइल चोरी कर लेते हैं। यहां तक की ट्रेनों के स्लिपर से लेकर एसी कोच तक बदमाश चोरी की वारदातों को लगातार अंजाम दे रहे हैं।

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