उज्जैन।इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन चल रहा और इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के लोगों देश के वीवीआईपी का आगमन हुआ है। यह मेहमान महाकाल महालोक को देखने और भगवान महाकाल के दर्शन-पूजन के लिए आ रहे है। मेजबानी कर रहे शहर को ऐसा सजाया गया है कि इंदौरवासी ही अपने शहर को देखने के लिए नगर भ्रमण कर रहे है…।
उज्जैन में मेहमानों के स्वागत की ऐसी तैयारी जो नगर में जग हंसाई की वजह बन गया है। नगर निगम उज्जैन ने बाहर से आने वाले मेहमानों के लिए वैसे तो कुछ खास किया नहीं है,पर गेंट्री और होर्डिंग्स पर फ्लैक्स लगाए है। इसमें गलती हुई है।
नगर निगम ने बड़ी संख्या में फ्लैक्स लगाए है,जिस पर ‘अतिथि देव भव:’ के स्थान पर ‘अतिथि देव भवा:’ लिखा गया है। यह चूक सभी फ्लैक्स जिम्मेदारों ने इस पर ध्यान ही नहीं दिया। ऐसे में इस वाक्य का भावार्थ जानने वाले मान रहे है कि नगर निगम में इसमें चूक की और फ्लैक्स लगाने के पहले इसे देखा भी नहीं गया।
महाकाल लोक लोकार्पण के लिए उज्जैन की साज-सज्जा के लिए ताबड़तोड़ काम किए गए थे। नगर निगम इंदौर और इंदौर के ठेकदारों का बुलवा कर काम कराए गए थे। शांति पैलेसे तिराहे पर करीब 10 लाख रु. खर्च कर यह फव्वारा लगाया गया था। महाकाल लोक लोकार्पण के दिन के इसे चालू किया था। उसके बाद से फव्वारा बंद है।
तरणताल चौराहे पर ‘आई लव उज्जैन’ में केवल ‘दिल’ की लाईट चल रही है। ‘आई’ और ‘उज्जैन’ की लाईट बंद है। यह स्थिति 10-15 दिन से है।