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जिन्हें साधुओं का आशीर्वाद मिल जाए उन्हें सीएम तो क्या पीएम बनने में देर नहीं लगती है- विनम्रसागर महाराज

आचार्यश्री ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव के कार्यों की सराहना की, 5 साल तक नहीं 15 साल से अधिक तक रहेंगे

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। 108 मुनि श्री विनंद सागर जी महाराज ने अपने प्रवचनों में आचार्य विनम्र सागर जी के बचपन के बारे में बताया कि जब वह छोटे थे तब उन्हें चार से पांच बार प्राण घातक विपदाओं का सामना करना पड़ा। पर गुरु के आशीर्वाद से उनका बाल भी बांका नहीं हुआ। युवा अवस्था में जब आचार्य श्री 8 साल तक सरकारी शिक्षक के पद पर थे। जब भिंड में पहली बार उनके गुरु आचार्य विराग सागर जी से मिलना हुआ तो शिक्षक की नौकरी को ठोकर मारते हुए वह उनके शिष्य बन गए। वह अनेक भाषाओं के ज्ञाता हंै। इस भाषा विज्ञान से ‘जीवन है पानी की बूंद’ भजन से उन्होंने 8000 छंद की रचना की। उन्हें उच्चारणाचार्य की उपमा दी गई। शब्द विज्ञान के माध्यम से आचार्य विनम्र सागर जी ने उर्दू में 300 गजलें, 500 मुक्तक, 2000 कविताएं और 2000 अंग्रेजी में कोटेशन लिखे।

आचार्य विनम्र सागर जी आचार्य विशुद्ध सागर जी को ज्ञान देने वाले पहले प्रथम आचार्य हंै। अपनी मधुर आवाज के धनी आचार्य श्री जब मंदिर में पूजन करते थे तो लोग अपनी पूजन करना बंद कर देते थे। आचार्य विनम्र सागर जी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कार्यों की सराहना की। आचार्य श्री ने कहा जिस प्रकार मुख्यमंत्री संतों की सेवा कर रहे हैं उससे उनका ऐसा पुण्य प्रबल होगा कि वह 5 साल तक नहीं 15 साल से अधिक तक रहेंगे। जिन्हें साधुओं का आशीर्वाद मिल जाए उन्हें सीएम तो क्या पीएम बनने में देर नहीं लगती है। जो आस्था मुख्यमंत्री मोहन यादव की साधु और संतों में है वह अन्य राजनेताओं में नहीं दिखाई देती है।

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कार्यक्रम में संयोजक विक्रमादित्य शोध संस्थान के प्रभारी निदेशक डॉ. रमन सोलंकी जी ने बताया कि कार्यक्रम सुबह 7:30 बजे से प्रारंभ हो गया था जिसमें सर्वप्रथम मुनि श्री विनंदा सागर महाराज कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और उन्होंने संपूर्ण तैयारी का जायजा लिया तत्पश्चात आचार्यश्री विनम्र सागर जी महाराज कुछ ही देर में सैकड़ों लोगों के साथ विक्रम शोध संस्थान पहुंचे जहां पर उनका भव्य मिलन हुआ।

सभी 9 महाराजों ने आचार्य श्री को नमोस्तु किया एवं परिक्रमा लगाई वही आचार्य श्री की स्तुति की व मुनि श्री विनंदा सागर महाराज जो कि नौ माह के पश्चात आचार्य श्री से मिले थे तो उन्होंने आचार्यश्री के पादप्रक्षालन किया। एवं भावपूर्वक मिलन समारोह हुआ यह मिलन समारोह गुरु शिष्य का अदभुत मिलन समारोह था तत्पश्चात सभी संत पंडाल में पहुंचे जहां पर सर्वप्रथम मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के बड़े भाई नंदलाल यादव एवं शोध संस्थान के पदाधिकारियों ने आचार्यश्री संघ का स्वागत किया। इस अवसर पर नरेश शर्मा, राजेश सिंह कुशवाह, दिनेश दिग्गज, कुलपति अर्पण भारद्वाज, ज्योतिषाचार्य प्रोफेसर एवं
अजय शर्मा, सचिन राय आदि लोग मौजूद थे।

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आचार्यश्री ने अपने प्रवचन में जलसंवर्धन पर जोर देते हुए आकाश के जल को सुरक्षित करने को कहा है। बरसात का जल पीने से हड्डियां मजबूत होती है चेहरा निखरता है। आरओ का जल पीने से हड्डियां कमजोर होती है। आचार्य श्री ने अपने प्रवचनों में कहां जहां जल है वहा महल है। अपने घर के आगे एक पेड़ अवश्य लगाए। अपने परिवार को आक्सीजन देने के लिए एक पेड़ को अपने घर में अवश्य लगे वरना भविष्य में आपको सिलेंडर की जरूरत लग सकती है। लोग पेड़ को काटकर मकान बनाते हैं फिर मकान में छोटे से गमले में पेड़ लगाते हैं।

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