जांच अभियान, गड़बड़ी पर कैंसल होंगे नंबर
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन। आने वाले दिनों में फर्जी जीएसटी पंजीयन नंबर लेकर कामकाज करने वालों की खैर नहीं है। फर्जी जीएसटी पंजीयन लेने और उसके आधार पर इनपुट टैक्स लेकर कर चोरी करने वालों के खिलाफ जीएसटी काउंसिल द्वारा अभियान शुरू किया जाएगा। यह कार्रवाई 15 मई से 15
जून तक चलेगी।
जीएसटी में फर्जी रजिस्ट्रेशन के खिलाफ कार्रवाई होने जा रही है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आदेश पर 16 मई से 15 जुलाई तक जीएसटी रजिस्ट्रेशनों की जांच चलेगी। केंद्र की ओर से संदिग्ध जीएसटी पंजीयनों की जानकारी सभी राज्यों के सीजीएसटी और एसजीएसटी विभागों को भेजी जाएगी। कर प्रणाली जीएसटी के लागू होने के छह वर्षों में पहली बार ऐसी मुहिम चलाई जा रही है।
वित्त मंत्रालय के जीएसटी पालिसी विंग ने अधिकारियों के लिए चार मई को ही गाइडलाइन जारी की है। निर्देश दिया है कि मुहिम चलाकर किसी अन्य व्यक्ति के पैन, आधार और पहचान का उपयोग कर या अन्य अनुचित तरीके से जीएसटी रजिस्ट्रेशन हासिल करने की पहचान की जाए। ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई भी करें। गड़बड़ी मिलने पर पंजीयन निरस्त होगा। रिकवरी के लिए बैंक खाते से लेकर संपत्ति अटैच करने के साथ कानूनी कार्रवाई भी होगी।
वित्त मंत्रालय का डायरेक्टर जनरल आफ एनालिटिक्स एंड रिस्क मैनेजमेंट (डीजीएआरएम) ऐसे नंबर को चिह्नित करेगा, जो संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त है। कार्रवाई के लिए एक नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी भी बनाई गई है। सूत्रों के अनुसार डाटा एनालिसिस और ऑर्टिफिशयल इंटेलिजेंस टूल्स का उपयोग कर केंद्रीय स्तर पर फर्जी जीएसटी नंबर का पता लगाया जाएगा। इसे सभी राज्य सरकारों को भेजा जाएगा। राज्यों में केंद्रीय और प्रदेश जीएसटी विभाग की सहमति से जोनल स्तर पर नोडल ऑफिसर की नियुक्ति होगी, जो पूरी कार्रवाई को मॉनिटर करेंगे।
इनपुट टैक्स क्रेडिट होगी ब्लॉक
जांच में पाया जाता है कि उक्त कंपनी या करदाता अस्तित्व में नहीं है तो उक्त जीएसटी नंबर सस्पेंड और कैंसल करने की कार्रवाई होगी। उक्त कंपनी द्वारा जारी की गई इनपुट टैक्स क्रेडिट भी ब्लॉक कर दी जाएगी। अगर उक्त मामला किसी अन्य क्षेत्राधिकार में आता हो तो उसकी जानकारी तुरंत उक्त क्षेत्रीय अधिकारी को दी जाएगी।