होल्कर स्टेट का मुखारविंद शामिल होगा
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन श्रावण-भादो माह में भगवान महाकालेश्वर के नगर भ्रमण के क्रम में सोमवार को पांचवी सवारी निकलेगी। इसमें डोल रथ पर भगवान महाकाल के स्वरूप का होल्कर स्टेट का मुखारविंद शामिल होगा। प्रशासन ने सवारी निकलने के दौरान व्यवस्थाएं निर्धारित की है।
महाकालेश्वर मंदिर से पांचवी सवारी निकलेगी। सवारी में चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश की प्रतिमा, गरूड़ पर सवार भगवान शिव तांडव की प्रतिमा के साथ नंदी रथ पर उमा महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद शामिल होंगे। सवारी के पहले महाकालेश्वर मंदिर स्थित सभा मंडप में विधिवत भगवान का पूजन-अर्चन कर भगवान को पालकी में नगर भ्रमण के लिए रवाना किया जाएगा।
मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान पालकी में सवार राजा महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर देंगे। सवारी मंदिर से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजा अर्चना की जाएगी। पूजन के बाद सवारी परंपरागत मार्ग से होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।
पुलिस की रहेगी संदिग्धों पर नजर
बाबा महाकाल की सवारी के एक दिन पहले से पुलिस अलर्ट मोड पर थी। रविवार को पुलिस ने शहर में जन जागरूकता के लिए फ्लैग मार्च निकाला। पुलिस कंट्रोल रूम पर हुई बैठक में सोमवार की सवारी को लेकर सुरक्षा-व्यवस्था पर मंथन किया।
सवारी में सोमवार को 1 हजार पुलिस जवान भीड़ नियंत्रण, ट्रैफिक व्यवस्था और अराजक तत्वों पर निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात रहेंगे। इसके पहले भजन मंडली के प्रमुखों के साथ बैठक कर निर्देश दिए कि जो संख्या निर्धारित है उसी संख्या में भजन करने वाले सदस्य सवारी में शामिल हो। सवारी को लेकर रविवार को पुलिस कंट्रोल रूम पर एडिशनल एसपी नीतेश भार्गव ने भजन मंडलियों के साथ बैठक की।
पालकी समय पर पहुंचाने की चुनौती
गत चार सवारी में अव्यवस्था और विभिन्न बाधाओं के कारण भगवान महाकाल की पालकी विलंब से मंदिर पहुंची थी। गत सोमवार को पालकी करीब डेढ़ घंटे विलंब से मंदिर पहुंची थी। पालकी देरी से पहुंचने के कारण मंदिर की आरती में भी देरी होती है। पांचवी सवारी में प्रशासन का प्रयास है कि भगवान की पालकी आगे रखकर वापसी में सवारी को समय पर पहुंचाया जाए। वहीं सभामंडप में होने वाली भीड़ को लेकर भी व्यवस्थाएं की जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि भजन मंडलियों के कारण सवारी में बाधाएं खड़ी होती है।
भक्तों का सैलाब….
श्रावण अधिक मास के चलते लाखों भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने उमड़े। रविवार को भस्मआरती से लेकर सोमवार सुबह 12 बजे तक 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने महाकालेश्वर दर्शन लाभ लिए। हालांकि हर रविवार को श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि रविवार को भस्मआरती से लेकर शयन आरती तक 4.54 लाख श्रद्धालुओं ने महाकालेश्वर के दर्शन लाभ लिए। महाकाल मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या मंदिर में लगाए हेड काउंट यानी सिर गिनने वाली मशीन के अनुसार हैं। इधर अधिक मास कह वजह से रामघाट सहित अन्य देव स्थानों पर पूजन-पाठ के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है।
शहर का यातायात पूरी तहर ध्वस्त
हर तरफ जाम, पैदल महाकालेश्वर मंदिर पहुंचना मुश्किल
श्रावण अधिक मास के चलते शहर में उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या आम दिनों की तुलना में ४ से ५ गुना बढ़ गई है और बाहर से बड़ी संख्या में वाहन भी आ रहे है। ऐसे में महाकालेश्वर मंदिर के साथ शहर के पुराने हिस्से में हर सड़क पर जाम ही जाम है। वर्तमान में हालात यह है हरिफाटक से जंतर-मंतर,नृसिंह घाट मार्ग,शंकराचार्य चौराहा(कार्तिक मेला ग्राउंड-बडऩगर रोड) आगर रोड,अंकपात मार्ग,पिपली नाका, मकोडिय़ा आम,भैरवगढ़ तक सड़कों पर जाम ही स्थिति है। यातायात पुलिस की व्यवस्था कहीं भी प्रभावी नहीं है।
सिर्फ महाकाल क्षेत्र की बात करें तो यहां यातायात व्यवस्था रोज ध्वस्त हो रही है। महाकाल मंदिर व रामघाट जाने वाले मार्ग व गलियों में रोज दिनभर जाम लग रहे है। पुलिस के लिए भीड़ प्रबंधन और यातायात व्यवस्था ही बड़ी चुनौती रहेगी लेकिन इसके लिए प्लानिंग की कमी दिख रही है। एनवक्त पर बैरिकेडिंग से रास्ते बंद करने से जाम और अधिक बढ़ रहा है।
यातायात प्रबंधन की ठोस प्लानिंग नहीं
शहर में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी उससे शहर की सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव अत्यधिक बढ़ गया। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी इस बात को स्वीकार तो रहे है लेकिन यातायात के इस दबाव को कैसे मैनेज करे इसे लेकर अभी तक कोई ठोस प्लानिंग नहीं है। सोमवार को यह स्थिति रही कि कहारवाड़ी, चौबीस खंभा मार्ग, गुदरी से कार्तिकचौक रामघाट जाने वाले मार्ग पर जाम लगा था।
यह जाम को गलियों में घुसने वाले ई रिक्शा व ऑटो-कार वालों के कारण और अधिक बढ़ाता गया। लोगों को पैदल तक निकालने में दिक्कत हो रही थी। श्रावण में बाहर से आने वालों के साथ ही स्थानीय रहवासियों को भी बड़ी परेशानी का सामान करना पड़ रहा है।