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सेब से ज्यादा महंगा टमाटर, 20 दिन तक भाव गिरने की गुंजाइश नहीं…
Monday, October 2, 2023
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सेब से ज्यादा महंगा टमाटर, 20 दिन तक भाव गिरने की गुंजाइश नहीं…

सितंबर में मालवा के जिलों एवं निमाड़ की फसल आने के बाद घटेंगे दाम

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन । शहर में सबसे महंगे बिकने वाले फल सेब से ज्यादा महंगे टमाटर बिक रहे हैं। सेब की कीमत 80 से 140 रुपए किलो है, वहीं टमाटर 150 से 200 रुपए किलो बिक रहे हैं। पिछले दो महीने से टमाटर में जो महंगाई की आग लगी है वो करीब 20 दिन तक बुझने की उम्मीद नहीं दिख रही है। अगस्त माह के अंतिम सप्ताह तक टमाटर के भाव कम होने की गुंजाइश नहीं दिख रही है। हालांकि राहत वाली बात यह है कि सितंबर महीने में मालवा-निमाड़ में टमाटर की फसलें पककर तैयार हो जाएंगी। जिससे भावों में स्थिरता और कमी आ जाएगी।

उज्जैन जिले में टमाटर का उत्पादन ना के बराबर होता है लेकिन मालवा के रतलाम, शाजापुर और देवास की कुछ तहसीलों में टमाटर का अच्छा उत्पादन होता है, किंतु इन जिलों में मई-जून के बाद सितंबर-अक्टूबर और जनवरी-फरवरी माह में टमाटर की फसलें ली जाती है। जुलाई-अगस्त के समय मालवा और निमाड़ दोनों ही क्षेत्रो में टमाटर का उत्पादन नहीं होता। इसी वजह से इन दिनों महाराष्ट्र और कर्नाटक के टमाटरों पर निर्भरता होती है। इस बार इन दोनों ही राज्यों में टमाटर की फसलें पिछले दिनों तुफान और बारिश से प्रभावित हुई थी इस वजह से टमाटर की आवक कम हो गई। आवक कम होने से भाव बढऩा शुरू हुए और साधारण दिनों में 20 रुपए किलो तक बिकने वाला टमाटर 250 रुपए किलो तक पहुंच गया।

साल में तीन बार आती है टमाटर की फसल

किसान हरिनारायण शर्मा के मुताबिक टमाटर की फसलें साल में तीन बार ली जाती है। पहली फसल जनवरी-फरवरी, दूसरी फसल अप्रैल-मई और तीसरी फसल सितंबर-अक्टूबर में तैयार होती है। इस साल दूसरी फसल जो मई-जून में आती है बारिश की वजह से खराब हो गई। इसी वजह से टमाटर के भाव आसमान पर चढ़ गए। अब सितंबर के दूसरे सप्ताह से निमाड़-मालवा के अन्य जिलों से टमाटर की आवक होने पर भाव में कमी आएगी।

एक गाड़ी ज्यादा आई तो कुछ कमी हुई लेकिन स्थिरता नहींं

हालांकि मंगलवार और बुधवार को इंदौर की मंडी में टमाटर की आवक में सुधार हुआ तो उज्जैन मंडी में भी तीन गाडिय़ां टमाटर की आई। जबकि पिछले एक महीने से मंडी में दो से ज्यादा टमाटर की गाडिय़ां नहीं आ रही है। एक दो बार आई भी तो 40 प्रतिशत रद्दी टमाटर वाली कैरेट मिली। इससे टमाटर का भाव 3500 रुपए किलो तक पहुंच गया। आवक बढऩे पर बुधवार को टमाटर प्रति कैरेट का 2500 से 2800 रुपए हो गया।

इससे बाजार में भी राहत मिली और लोगों को टमाटर 140 रुपए से लेकर 180 रुपए किलो तक मिल गया। हालांकि बेस्ट क्वालिटी का टमाटर अब भी 200 रुपए किलो मिल रहा है। चिमनगंज मंडी के थोक व्यापारी उमेश चौहान ने बताया कि एक महीने तक ऐसा ही चलेगा कभी आवक अच्छी हुई तो 10-20 रुपए की कमी होगी लेकिन स्थिरता नहीं आएगी। अगले महीने तक टमाटर के भाव में सुधार होने की गुंजाइश नहीं है क्योंकि सितंबर के दूसरे सप्ताह से मालवा-निमाड़ रतलाम-खंडवा का लोकल टमाटर मंडी में आता है। इसके बाद ही भाव में कमी आएगी।

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