Advertisement

कल 12-12 घंटे के रहेंगे दिन-रात

जीवाजी वेधशाला में खगोलीय घटना को देख सकेंगे शहरवासी

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। 23 सितंबर का दिन खगोलीय रूप से यादगार रहने वाला है। सूर्य के विषुवत रेखा पर लंबवत् रहने के कारण दिन और रात बराबर यानी 12-12घंटे के रहेंगे। 24 सितंबर से सूर्य दक्षिणी गोलाद्र्ध में प्रवेश करेगा जिससे दिन छोटे और रातें बड़ी होने लगेंगी। साथ ही उत्तरी गोलाद्र्ध में धूप की तीव्रता कम होने लगेगी जिसे सर्दी की शुरुआत भी माना जाता है।

 

यह स्थिति 21 दिसंबर तक रहेगी। इस दिन भारत सहित उत्तरी गोलाद्र्ध में दिन सबसे छोटा और रात सबसे बड़ी होगी। शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि 23 सितंबर को शंकु की छाया दिनभर सीधी रेखा (विषुवत रेखा) पर गमन करती हुई दिखाई देगी। साथ ही सूर्य की क्रांति अंश 16 कला 46 विकला दक्षिण होगी और सूर्य की स्थिति सायन तुला राशि में ० अंश 43 कला 28 विकला पर होगी।

Advertisement

चंद्रमा के नीचे चमकता दिखेगा बृहस्पति

सोमवार को रात में भी एक और खगोलीय घटना होगी। आसमान में चंद्रमा और बृहस्पति की युति यानी दोनों पास-पास नजर आएंगे। यह स्थिति रात 11 बजे के बाद बनेगी जब चंद्रमा के नीचे की ओर बृहस्पति ग्रह चमकता हुआ दिखाई देगा। इसे निहारने के लिए किसी साधन की जरूरत नहीं होगी। सामान्य आंखों से इसे देख सकेंगे।

Advertisement

धूप होने पर देख सकेंगे शहरवासी

23 सितंबर को होने वाली इस खगोलीय घटना को शहरवासी जीवाजी वेधशाला पहुंचकर शंकु और नाड़ीवलय यंत्र के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से देख सकेंगे। अधीक्षक डॉ. गुप्त ने बताया कि इसके लिए आसमान साफ और धूप खिली होना जरूरी है।

Related Articles