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कल से दिन छोटे और रातें होंगी बड़ी

कल बराबर रहेंगे दिन-रात, जीवाजी वेधशाला में देख सकेंगे परछाई को गायब होते

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। खगोलीय परिस्थितियो के कारण 23 सिंतबर को रात-दिन बराबर होंगे। यानी दिन और रात की अवधि १२-१२ घंटे के होगी। इस दिन सूर्य विषुवत रेखा पर लंबवत होगा, जिसे शरद सम्पात कहते हैं। इसी के साथ दिन छोटे और रातें बढ़ी होने लगेंगी। यह क्रम 22 दिसंबर तक रहेगा।

इस खगोलीय घटना के कारण पूरे विश्व में दिन और रात की अवधि बराबर होगी। २३ सिंतबर से सूर्य दक्षिणी गोलाद्र्ध में प्रवेश कर जाएगा। इस दिन दोपहर 12 परछाई पूरी तरह गायब हो जाती है। वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र गुप्त ने बताया कि शासकीय जीवाजी वेधशाला में खगोलीय घटना को शंकु यंत्र और नाड़ीवलय यंत्र के माध्यम से सीधे देखा जा सकता है।

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बदलेगा मौसम, शरद ऋतु का होगा आगाज
23 सितंबर के बाद, उत्तरी गोलाद्र्ध में दिन धीरे-धीरे छोटे और रातें बड़ी होने लगेंगी। यह क्रम 22 दिसंबर तक जारी रहेगा, जब भारत सहित उत्तरी गोलाद्र्ध में सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होगी। इस दौरान, सूर्य की किरणें उत्तरी गोलाद्र्ध में कम तीव्र होंगी, जिससे शरद ऋतु की शुरुआत होगी।

शंकु यंत्र-23 सितंबर को इस यंत्र की छाया पूरे दिन एक सीधी रेखा (विषुवत रेखा) पर चलती हुई दिखाई देगी।
नाड़ीवलय यंत्र- 22 मार्च से 22 सितंबर तक नाड़ीवलय यंत्र के उत्तरी गोलाद्र्ध भाग पर धूप रहती है। 23 सितंबर को किसी भी गोलाद्र्ध भाग पर धूप नहीं होगी, और 24 सितंबर से अगले छह महीनों (20 मार्च तक) दक्षिणी गोलाद्र्ध भाग पर धूप रहेगी। इससे सूर्य के गोलाद्र्ध में बदलाव को सीधे देखा जा सकता है।

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