मां-बेटे और पोते की सनसनीखेज हत्या के मामले में दो को सश्रम आजीवन कारावास

बाप-बेटे की हत्या कर इंगोरिया थाना क्षेत्र में फेंका और मां की हत्या कर लाश पलंग पेटी में बंद की थी
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अक्षरविश्व न्यूजउज्जैन। चर्चित और सनसनीखेज मां, बेटा और पोते की हत्या के मामले में दो थानों में पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया था। एक मामले में कोर्ट ने सुनवाई के बाद दोनों आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई जबकि जीवाजीगंज थाने में दर्ज हत्या का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इंगोरिया थाना पुलिस को 12 अप्रैल 2022 को मांगीलाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि 11 अप्रैल की शाम 6.30 बजे वह घर पर था तभी कमलसिंह ने सूचना दी कि देवनारायण मंदिर के पास खाई में दो शव पड़े हैं जिनकी उम्र 25-30 वर्ष और 40-45 वर्ष प्रतीत हो रही है। शव पर टाट की बोरी, सीट कवर, बबूल के काटें रखे थे। शव खून से लथपथ थे। गले में धारदार हथियार से काटने के निशान थे। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर मृतकों की शिनाख्ती के प्रयास शुरू किए।
अगले दिन मां की लाश मिली थी पलंग पेटी से – इधर इंगोरिया पुलिस मृतकों की शिनाख्त में लगी थी वहीं दूसरी ओर अंकपात मार्ग स्थित हरिनगर के रहवासियों ने जीवाजीगंज पुलिस को सूचना दी कि राजेश नागर के मकान में काफी दिनों से ताला लगा है और अंदर से बदबू आ रही है। पुलिस ने यहां पहुंचकर घर का ताला तोड़ा और घर की तलाशी ली। यहां पलंग पेटी से एक वृद्धा का शव बरामद हुआ जिसके ऊपर बिस्तर रखे गए थे। इंगोरिया में मिली दो लोगों की लाशें और वृद्धा की पलंग पेटी में मिली लाश को पुलिस ने जोडक़र जांच शुरू की।
मां, बेटा और पोते के रूप में हुई पहचान
इंगोरिया व जीवाजीगंज पुलिस ने हत्या के मामलों की कड़ी को जोडऩा शुरू किया। राजेश नागर के परिजन से पूछताछ की तो पता चला कि राजेश नागर और उसका बेटा पार्थ नागर कई दिनों से नहीं दिखे हैं। वह ब्याज पर रुपए लेनदेन का काम करते थे। इंगोरिया में मिले शवों के फोटो परिजन को दिखाए गए जिनकी शिनाख्त वृद्धा के बेटे और पोते के रूप में हुई। पुलिस ने तीनों हत्या की जांच शुरू की।
ऐसे पकड़ाए थे आरोपी
तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने एक टीम बनाकर तिहरे हत्याकांड की जांच शुरू कराई थी जिसमें राजेश नागर द्वारा लोगों को उधार दिए गए रुपयों की जानकारी जुटाई गई। इस दौरान पुलिस को पता चला कि राजेश ने जयराम पिता निर्पत सिंह कुशवाह और दिनेश पिता गेंदालाल जैन निवासी उज्जैन को भी ब्याज पर उधार रुपए दिन थे। यही रुपए वापस मांगने पर उक्त लोगों द्वारा तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया था।
ऑटो में बैठाकर ले गए थे
पुलिस ने जयराम और दिनेश जैन को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की जिसमें उन्होंने कबूला था कि 11 अप्रैल को राजेश नागर और पार्थ नागर को बडऩगर जाने का कहकर ऑटो में बैठाकर साथ ले गए थे। रास्ते में दोनों की आंखों में मिर्च पावडर डालकर लोहे की रॉड, लोहे के बक्के से हत्या कर दी। हत्या के बाद बाप बेटे की लाश को ग्राम गुरवदा थाना इंगोरिया में फेंक दिया था। इसके बाद हत्यारे हरिनगर अंकपात मार्ग उज्जैन पहुंचे। यहां राजेश की मां की हत्या कर लाश पलंग पेटी में छुपाई और घर में ताला लगाकर भाग गए थे।
22 गवाहों के बयान हुए, अंडर ट्रायल हुई सजा
पुलिस ने कोर्ट में चालान प्रस्तुत कर इंगोरिया थाने में दर्ज पिता पुत्र की हत्या के मामले में 22 गवाहों के बयान कोर्ट में कराए थे। अभियोजन के तर्कों से कोर्ट ने सहमत होकर जयराम और दिनेश जैन को धारा 302, 201, 120 बी और आम्र्स एक्ट में आजीवन सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया। अभियोजन पक्ष द्वारा प्रकरण में आरोपियों की जमानत का निरंतर विरोध किया गया इसी कारण प्रकरण अंडर ट्रायल रहा और आरोपियों को सजा हो पाई। अभी उक्त आरोपियों पर जीवाजीगंज थाने में दर्ज वृद्धा की हत्या का मामला उज्जैन कोर्ट में विचाराधीन है।