भाजपा की कामलाकुंवर देवड़ा उज्जैन जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित
बीजेपी प्रत्याशी को 14 वोट मिले
कांग्रेस प्रत्याशी हेमलता कुंवर बालू सिंह पवार को 7वोट मिले
उज्जैन।उज्जैन। जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का चुनाव में भाजपा की कमला कुंवर विजय घोषित हुई है।जिसमें BJP की कमला कुंवर को 21 में से 14 वोट मिलने के बाद विजय घोषित कर दिया गया। कुल वोट में से 5 प्रॉक्सी वोट डालें गए।वही उपाध्यक्ष पद पर भी बीजेपी को जीत मिली .बीजेपी की शिवानी कुंवर को जीत मिली.उपाध्यक्ष पद पर शिवानी को 13 वोट मिले है।
जिला पंचायत में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के प्रत्याशी का नाम तक करने में भाजपा को भारी मशक्कत करना पड़ी। पार्टी में अध्यक्ष पद के दो दावेदार होने के कारण नाम तय करने में जमकर खींचतान हुई। खबर और चर्चा है कि भाजपा द्वारा जिला पंचायत सदस्यों के बीच आतंरिकत मतदान/रायशुमारी के बाद कमला कुंवर देवड़ा को प्रत्याशी बनाया।
वहीं कांग्रेस ने हेमलता कुंवर बालूसिंह को मौका दिया है। इधर जिला पंचायत कार्यालय में जाने के लिए हंगामा कर रहे भाजपा-कांग्रेस के नेताओं को खदेडऩे के लिए पुलिस को लाठी फटकारनी पड़ गई। इसमें कुछ को हल्की चोंट भी लगी।
जनपद पंचायत उज्जैन में शिकस्त खाने के बाद भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष चुनाव में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी और अपनी रणनीति के तहत फूंकफूंकर कदम रख रही थी। जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अनारक्षित महिला के लिए हैं।
भाजपा के दो कद्दावर नेताओं ने अपनी पत्नी को अध्यक्ष बनाने के लिए दावेदारी पंचायत चुनाव प्रारंभ होने से कर रखी थी। ऐसे में पार्टी को प्रत्याशी चयन करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। बताया जाता है कि पार्टी में राधिका कुंवर और कमला कुंवर देवड़ा का नाम प्रमुखता से बना हुआ था।
इसके लिए दोनों की पक्ष पीछे कदम हटाने के लिए तैयार नहीं थे। संगठन के हस्तक्षेप के बाद भी काफी लंबी चर्चा और कवायद पर भी अध्यक्ष पद के नाम पर मोहर नहीं लगी। ऐसे में पार्टी ने सदस्यों के बीच राधिका कुंवर और कमला कुंवर को लेकर आंतरिक मतदान और रायशुमारी की। इसमें कमला कुंवर को अधिक समर्थन मिलने पर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए कमला कुंवर के नाम पर मोहर लगा दी। हालांकि पार्टी का कोई भी वरिष्ठ नेता आंतरिक मतदान और रायशुमारी की बात को स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
प्रवेश को लेकर जद्दोजहद…
जनपद पंचायत चुनाव में हुुए हंगामे के बाद प्रशासन द्वारा व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती गई है। इसके लिए कोठी रोड पर ही जिला पंचायत की ओर जाने वाले मार्ग को बेरिकेड्स से बंद कर दिया गया और इस मार्ग से केवल उन्हीें को प्रवेश दिया जिनके पास जिला पंचायत या जनपद पंचायत कार्यालय में अनुमति थी। यहां से किसी भी दल के नेता को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
कांग्रेस ने अपने सभी समर्थित सदस्यों को पहले ही प्रवेश करा दिया। भाजपा समथर््िात सदस्य पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ कारों में सवार होकर पहुंचे थे। पुलिस ने केवल सदस्यों को ही प्रवेश देने की बात कही। कुछ भाजपा नेता इसके बावजूद बेरिकेड़्स से आगे जाना चाहते थे। कांग्रेस के नेताओं ने इसका विरोध किया। दोनों ही दलों के नेताओं में इसे लेकर जद्दोजहद होती रही।
इस बीच करीब 12 बजे जिला पंचायत में नामांकन की प्रक्रिया चल रही थी। उस दौरान बेरिकेड़्स के बाहर खड़े दोनों दलों के नेता प्रवेश को लेकर हंगामा मचाने लगे। इसके बाद पुलिस ने लाठी फटकारना शुरू कर दी। सभी को बेरिकेड्स से दूर खदेड़ दिया गया।
साढ़े तीन साल बाद जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव
साढ़े तीन साल बाद शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव होने जा रहे हैं। कुल 21 सदस्यों वाली इस पंचायत में शत-प्रतिशत मतदान की स्थिति में जिसके भी पक्ष में न्यूनतम 11 वोट डलेंगे अध्यक्ष-उपाध्यक्ष व बोर्ड उसी दल का होगा। 21 में से तीन निर्दलीय सहित 14 सदस्यों के बहुमत वाली भाजपा चिंता में है, जबकि दो निर्दलीय सहित 7 सदस्यों वाली कांग्रेस बेफिक्र।
भाजपा की चिंता की वजह जिला पंचायत के वर्ष 2015 व 2019 के चुनाव में पार्टी के खिलाफ हुई क्रॉस वोटिंग के अनुभव तो है ही, हाल ही में उज्जैन और तराना जनपद पंचायत में बहुमत के बावजूद मिली हार ने इसे और बढ़ा दिया है। तमाम राजनीतिक समीकरणों व दावों के बीच होने जा रहे जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव रोचक व कशमकश भरे रहने की पूरी उम्मीद है। इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अनारक्षित महिला के लिए आरक्षित है। आज जिला पंचायत में दूसरी बार महिला अध्यक्ष बनेंगी।