उज्जैन को फिर गौरव, सीएम के बाद डीजीपी भी हमारे

By AV News

1988 के बैच के आईपीएस कैलाश मकवाना मध्यप्रदेश के नए डीजीपी होंगे, एक दिसंबर को संभालेंगे पदभार

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। भगवान महाकाल की नगरी एक बार फिर गौरवान्वित हुई है। सीएम डॉ. मोहन यादव के बाद यहां की माटी में खेले, पढ़े और आगे बढ़े 1988 बैच के आईपीएस कैलाश मकवाना मध्यप्रदेश के अगले डीजीपी होंगे। उनका बचपन राजस्व कॉलोनी में गुजरा। रिटायर्ड डिप्टी कलेक्टर पिता भगवंतराव मकवाना की छांव तले बचपन बिताने वाले कैलाश मकवाना बेहद ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं। बाबा महाकाल के भक्त और कर्मवीर मकवाना एमटेक हैं। इस बड़े पद पर पहुंचने के बाद परिवार में खुशियों का कोई पारावार नहीं है। सभी के लबों पर एक ही जुमला है, कैलाश की ईमानदारी को उसका फल मिला।

राजस्व कॉलोनी में रहने वाले 90 वर्षीय पिता भगवंतराव मकवाना खुद ईमानदार तहसीलदारों में से एक थे। डिप्टी कलेक्टर पद से सेवानिवृत्त हुए मकवाना ने अपने पांचों बेटों और एक बेटी को सिर्फ एक ही सबक सिखाया, वह है ईमानदारी। उनका कहना था जीवन में कुछ भी बन जाओ, कभी बेईमानी मत करना। मां ने पांचों भाइयों की पढ़ाई के लिए रातें जाग कर बिताई हैं। उनका एक ही काम था, बच्चों को उनके बताए समय पर जगाना और चाय, दूध देना।

रेलवे में अफसर रहे मकवाना
डीजीपी कैलाश मकवाना पांच भाइयों में दूसरे नंबर पर आते हैं। गिरीश मकवाना ने बताया कि लोकमान्य तिलक हायर सेकंडरी स्कूल से ग्यारहवीं उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने भोपाल के मैनिट से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। मास्टर डिग्री के लिए उन्होंने दिल्ली आईआईटी में एडमिशन लिया। एमटेक करते हुए उन्होंने रेलवे इंजीनियरिंग सर्विसेस की परीक्षा पास की और इसी दौरान यूपीएससी की भी तैयारी करते रहें। उनकी मेहनत रंग लाई और वह आईपीएस चुन लिए गए। डीजीपी कैलाश मकवाना के दो बेटे हैं। एक बीएसएफ में बड़े पद हैं। दूसरे कानून के जानकार हैं। एक बेटी है वह भी उच्च शिक्षित हैं। डीजीपी का ससुराल भी महानंदा नगर उज्जैन में हैं। भाई गिरीश मकवाना ने बताया कि भाई की इस सफलता से गर्व है।

मकवाना का करियर
एएसपी- दुर्ग, मुरैना जबलपुर
एसपी- दंतेवाड़ा, बस्तर, मंदसौर, बैतूल और लोकायुक्त
एडीजी- सीआईडी, नारकोटिक्स, इंटेलिजेंस, प्रशासन
डीजी- लोकायुक्त
चेयरमैन: मप्र पुलिस हाउसिंग कॉरर्पोरेशन

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