जल्द ही नजर आएंगे अफ्रीकी-नामीबिया चीते

उज्जैन संभाग के मंदसौर जिले में गांधीसागर में अभ्यारण्य का निर्माण, विशेषज्ञों ने किया भ्रमण
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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:संभाग में जल्द ही अफ्रीकी – नामीबिया के चीते नजर आने वाले है। इसके लिए उज्जैन संभाग के मंदसौर जिले के गांधीसागर में अभयारण्य का निर्माण किया गया है। बीते दिनों विशेषज्ञों ने मंदसौर स्थित अभयारण्य का भ्रमण कर चीतों के लिए बनाए बाड़े, हाई मास्ट कैमरा, जलस्रोत, उपचार सुविधा सहित अन्य तैयारियों का जायजा लिया है।

केन्या से आए दल को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के एआईजी स्तर के अधिकारी, कुनो नेशनल पार्क डायरेक्टर, वन संरक्षक उज्जैन, वन मंडल अधिकारी मंदसौर और गांधीसागर के स्थानीय स्टाफ ने मानीटरिंग के लिए उपयोग किए जा रहे उपकरणों एवं तकनीकी के संबंध में भी दल को अवगत कराया। बता दें कि तीन माह पहले भी दक्षिण अफ्री का के दल ने गांधीसागर अभयारण्य का निरीक्षण किया था। अब केन्या से आए छह सदस्यीय विशेषज्ञ दल ने गांधीसागर का निरीक्षण किया है।
भारत सरकार की चीता पुनस्र्थापना योजना के अंतर्गत गांधीसागर अभयारण्य में चीते बसाने की तैयारी अब तेजी से पूरी हो रही है। अब तक हो चुकी तैयारियां पर्याप्त मानी जाती हैं तो जल्द ही गांधीसागर अभयारण्य में चीते दौड़ते दिखेंगे। तैयारियों को देखने केन्या से आए छह सदस्यीय विशेषज्ञ दल ने गांधीसागर का निरीक्षण किया। विशेषज्ञों ने 6400 हेक्टेयर में बने बाडे, क्वारंटाइन बाड़ों, हाई मास्ट कैमरा, जलस्रोत मानीटरिंग के लिए बनाए गए स्थल और उपचार केंद्र सहित सभी तैयारियां देखी। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के दल ने भी गांधीसागर अभयारण्य का निरीक्षण किया था।
इसके बाद कुछ सुझाव वन विभाग को दिए गए। बीते दिनों गांधीसागर एवं कुनो प्रबंधन ने केन्या दल के विशेषज्ञों की मौजूदगी में तैयारियों और कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता प्रोजेक्ट के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया। भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून एवं नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अर्थारिटी के विशेषज्ञों द्वारा भारत में वन्यप्राणियों की मानीटरिंग के लिए उपयोग किए जा रहे उपकरणों एवं तकनीकी के संबंध में भी दल को अवगत कराया गया।
हो चुका है एमओयू
भारत से विलुप्त हो चुके चीतों को पुन: बसाने के लिए भारत सरकार द्वारा दक्षिण अफ्री का एवं नामीबिया के साथ पूर्व में ही एमओयू हस्ताक्षरित किया जा चुका है। वर्तमान में केन्या से आए दल द्वारा भी चीता पुनस्र्थापना के लिए चयनित स्थलों को भ्रमण किया जा रहा है, ताकि भविष्य में केन्या के साथ भी चीता के संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जा सके, जो भारत में चीता पुनस्र्थापना एवं इनके संरक्षण के लिए चीता प्रोजेक्ट के माध्यम से किए जा रहे प्रयासों को और अधिक बल देगी।
इन कार्यों का लिया जायजा
अभयारण्य में चीता पुर्नस्थापना अंतर्गत 6400 हेक्टेयर में बने बाड़े एवं क्षेत्र का भ्रमण किया।
चीतों को क्वारंटाइन करने के लिए बनाए गए बाड़ों का भ्रमण किया। चीतों की मॉनिटरिंग के लिए लगाए गए हाईमास्ट कैमरा, जल स्त्रोत को भी देखा।
चीतों की मॉनिटरिंग के लिए बनाये गये मॉनिटरिंग रूम को देखा।
चीतों के लिए निर्मित किए जा रहे उपचार केंद्र का भ्रमण किया।
केन्या से आए दल ने गांधी सागर अभयारण्य में चीतों को बसाने के लिए की गई सभी तैयारियों का निरीक्षण किया है। हमने लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। संभावना है कि जल्द ही गांधीसागर में चीते आएंगे।-राजेश मंडवारिया, अधीक्षक, गांधीसागर अभयारण्य।








