चुंगी क्षतिपूर्ति से काटे बिजली बिल के बकाया 1.63 करोड़ रु.
करोड़ों की देनदारियों का बोझ वैसे ही बना हुआ है
उज्जैन।करोडा़ें रु. की देनदारियों के बोझ तले दबे हुए नगर निगम उज्जैन के साथ गरीबी आटा गिला होने जैसे स्थिति निर्मित हो गई है। दरअसल नगरीय प्रशासन एवं विकास ने बिजली कंपनी के बकाया वसूली के लिए 1.63 करोड़ रु.नगर निगम को मिलने वाली चुंगी क्षतिपूर्ति (अनुदान) से काट लिए है।
नगरीय निकायों की माली हालत इतनी खस्ता है कि वो बिजली का बिल भी नहीं भर पा रही हैं। 59 करोड़ रुपए का भारी भरकम बकाया होने से परेशान बिजली कंपनी को सरकार को सूची भेजकर तकादा करना पड़ा।
13 पेज की दी गई लिस्ट में प्रदेश के 16 नगर निगम समेत 413 नगर पालिका और नगर परिषदों पर बकाया 59.19 करोड़ रुपए के बिजली बिल का हिसाब था।
बिजली बिल वसूली के लिए सरकार को भी जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो उसने दिसंबर में नगरीय निकायों को दी जाने वाली 300 करोड़ रुपए की चुंगी क्षतिपूर्ति (अनुदान) में से बिल के रुपए काटकर बिजली कंपनी में जमा कर दिए। नगरीय प्रशासन एवं आवास विकास के इस कदम ने निकायों की हालत पतली कर दी है।
एक अरब से अधिक का बकाया
चुंगी क्षतिपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा कटने से नगर निगम उज्जैन के सामने आर्थिक दिक्कत खड़ी हो गई है। ऐसे में वेतन बांटने के साथ अन्य आवश्यक खर्च की व्यवस्था दूसरे मद से करने की जुगाड़ करना पड़ रही है। नगर निगम पर करीब एक अरब रु. की देनदारी है। निगम में दिसंबर 2020 से बकाया भुगतान लंबित है और यह बकाया लगातार बढ़ता जा रहा है। सूत्रों के अनुसार निगम की करीब 60 करोड़ रु. ऐसी देनदारी है,जिसका ऑडिट हो चुका है। वहीं लगभग ४० करोड़ रु.विभागीय स्वीकृति में लंबित है।
उज्जैन को मिलता है प्रतिमाह 8.11 करोड़
शासन द्वारा चुंगी क्षतिपूर्ति के तौर पर नगर निगम और नगरीय निकायों को प्रतिमाह एक तय अनुदान का भूगतान किया जाता है। भुगतान किया जाता है। उज्जैन नगर निगम सहित अधिकांश निकाय इसी चुंगी क्षतिपूर्ति से वेतन व अन्य खर्च करती हैं। नगर निगम को प्रतिमाह चुंगी क्षतिपूर्ति के 8.11 करोड़ रु. मिलते है। सरकार ने 29 दिसंबर को चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि में से बिजली बिल की बकाया राशि 1.63 करोड़ रु. काटकर विद्युत वितरण कंपनी को भुगतान कर दिए हैं।
सभी नगर निगम पर बिजली की राशि बकाया
बिजली कंपनी के बकाया 59.19 करोड़ रुपए के बिल में 26.39 करोड़ सिर्फ पांच नगर निगमों का था। इनमें सबसे ज्यादा भोपाल का 8.98 करोड़ का, जबकि सबसे कम 0.49 लाख रुपए छिंदवाड़ा के बाकी थे।
उज्जैन नगर निगम के 1.63 करोड़ रु. थे। सरकार ने चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि में से यह रुपए काटकर विद्युत वितरण कंपनी को भुगतान कर दिए हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास की अपर आयुक्त रूचिका चौहान ने बकायादार निकायों के आयुक्त और सीएमओ को चि_ी लिखकर बकाया बिल समायोजित करवाने को कहा है।