पीजीबिटी का नाम श्रीकृष्ण सरल महाविद्यालय होगा, स्कूल शिक्षा मंत्री ने मंगाया प्रस्ताव
अक्षरविश्व प्रतिनिधि. उज्जैन दशहरा मैदान कन्या हायर सेकंडरी स्कूल पहला ऐसा होगा जिसे ‘पीएमश्री स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार पढ़ाई होगी। पीजीबिटी का नाम भी श्रीकृष्ण सरल महाविद्यालय होगा। यह भी घोषणा की कि प्रदेश के स्कूलों में देश की अन्य भाषाओं में भी पढ़ाई होगी।
प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने ये घोषणाएं कर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से प्रस्ताव भेजने को कहा है। शुक्रवार शाम स्कूल शिक्षा विभाग के राज्य मद से शासकीय कन्या उमावि दशहरा मैदान परिसर में एक करोड़ की लागत से बने अतिरिक्त कक्ष, डोम, सायकल स्टेण्ड, पेयजल टंकी, पार्किंग शेड और प्रवेश द्वार के लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मंत्री परमार ने कहा इस स्कूल को पीएमश्री स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा मध्यप्रदेश देश के अन्य राज्यों को भी जोड़ेगा।
तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषाओं में भी पढ़ाई होगी।उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रस्ताव पर पीजीबिटी कॉलेज का नाम श्री कृष्ण सरल शिक्षा महाविद्यालय करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा सरकार ने यह अधिकार जिले को दे दिया है। अगली बैठक में प्रस्ताव पास कर हमको केवल सूचना दे देना, उसे मान्य कर देंगे। विशिष्ट अतिथि सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल, भाजपा नगर अध्यक्ष विवेक जोशी, फार्मेसी काउंसिल अध्यक्ष ओम जैन, महामंत्री विशाल राजौरिया, संजय अग्रवाल उपस्थित थे।
संचालन डॉ. संदीप नाडकर्णी ने किया। संयुक्त संचालक लोक शिक्षण आरके सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी आनन्द शर्मा, प्राचार्य अभिमन्यू व्यास, बीआरसी संजय शर्मा आदि उपस्थित थे। छात्रा रूपल जैन, ईशानी भट्ट ने नृत्य प्रस्तुति दी। प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त प्रचेता द्विवेदी, अमीना खान, प्रिंसी खेमासरा और ट्विंकल दलाल का सम्मान किया गया। दसवीं में शत प्रतिशत परिणाम देने वाले तराना स्कूल प्राचार्य दिग्विजय सिंह चौहान का भी सम्मान किया गया।
एक नजर में पीएमश्री योजना
- 7 सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) नामक केंद्र प्रायोजित योजना है।
- देश के 14,597 स्कूलों को विकसित और उन्नत किया जाएगा।
- ये सभी मॉडल स्कूल बनेंगे और इनमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की हर बात शामिल होगी।
- इस योजना पर 27,360 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
- स्कूलों में नवीनतम तकनीक, स्मार्ट कक्षा, खेल और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस रहेगा।
- ये सभी स्कूल सरकारी होंगे, जिनका चयन राज्यों के साथ मिलकर किया जाएगा।
- पायलट परियोजना के आधार पर इन स्कूलों में विद्या समीक्षा केंद्र की शुरुआत होगी।