रियल स्टेट में उज्जैन की नई छलांग आय हो सकती 500 करोड़ रुपए पार

महाकाल नगरी बनी प्रॉपर्टी हब, छह माह में आय 257 करोड़ रुपए पार

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  • 445 करोड़ रुपए की आय पिछले साल हुई थी
  • 257.23करोड़ रुपए की आय पिछले साल हुई थी
  • 213.66 करोड़ रुपए पिछले साल अक्टूबर तक
  • 41 हजार दस्तावेजों का पंजीयन अब तक

सुधीर नागर | उज्जैन। रियल स्टेट में महाकाल नगरी उज्जैन ने एक बार फिर नई छलांग लगाई है। प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रियों और डॉक्यूमेंट के रजिस्ट्रेशन से होने वाली आय इस वित्तीय वर्ष में 500 करोड़ पार होने की संभावना है। केवल छह माह में ही आय का आंकड़ा 257 करोड़ पार हो गया है। मार्च अंत तक यह आंकड़ा और बढ़ जाएगा।

महाकाल लोक बनने के बाद उज्जैन तेजी से प्रॉपर्टी हब बन रहा है। देश के कई होटल कारोबार से जुड़े लोग यहां जमीन में पैसा निवेश कर रहे हैं। टाटा समूह का ताज ग्रुप भी होटल खोलने की तैयारी कर रहा है। इंदौर के लोग भी यहां प्रॉपर्टी खरीदने में ज्यादा रुचि ले रहे। पंजीयन विभाग के अधिकृत आंकड़ों के अनुसार चालू अक्टूबर माह तक आय का आंकड़ा 257 करोड़ पार हो गया है। धनतेरस और दीपावली पर भी जमीन की खरीद फरोख्त ज्यादा होने की उम्मीद है। बीते जून और जुलाई में इस बार सबसे ज्यादा आय हुई। पिछले साल पंजीयन विभाग की 445 करोड़ की आय हुई थी। महाकाल लोक के निर्माण के बाद उज्जैन में पर्यटकों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।

उज्जैन भी प्रॉपर्टी हब बन गया है। शहर चारों ओर से सड़क कनेक्टिविटी से तो जुड़ा ही हुआ है, उज्जैन और इंदौर के बीच सिक्स लेन भी बनने जा रहा है। इससे औद्योगिक क्षेत्र हो या फिर अन्य स्थान सभी जगह पर प्रॉपर्टी बूम दिखाई दे रहा है। महाकाल मंदिर क्षेत्र और इंदौर रोड पर लोग जमीनें खरीद रहे हैं। लेमन ट्री और सया जी ग्रुप भी उज्जैन में होटल खोलने की तैयारी में हैं।

हर माह 25 करोड़ रुपए से अधिक की आय

पंजीयन विभाग को हर माह 25 करोड़ रुपयों से अधिक की आय हो रही। मई में यह आंकड़ा 44 करोड़ और जुलाई में 50 करोड़ पार हो चुका है। जमीन और मकानों की खरीद फरोख्त बढ़ गई है। कई क्षेत्रों में जमीनों के दाम पांच से छह गुना बढ़ गए हैं। अक्टूबर तक 40 हजार से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रियां कराईं।

ऐसे बढ़ रहा आय का ग्राफ

माह आय करोड़ रुपए में

अक्टूबर – 20 करोड़ से ज्यादा

सितंबर- 36.69

अगस्त- 37.79

जुलाइ- 43.56

जून- 50.23

मई -44.74

अप्रैल -27.57

आय बढ़ रही

यह सही है कि पिछले साल की तुलना में इस साल विभाग में ज्यादा दस्तावेजों का पंजीयन हो रहा है। यह आंकड़ा 257 करोड़ पार हो गया है। ऋतंबरा द्विवेदी ,वरिष्ठ पंजीयक

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