Advertisement

अधूरी सडक़ पर बेलगाम रफ्तार हादसों का लगा अंबार

अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। इंदौर से उज्जैन के बीच सिक्सलेन सडक़ का निर्माणकार्य फिलहाल अधूरा है। अधूरी सडक़, यातायात का भारी दबाव इन परिस्थितियों में किसी भी सडक़ पर वाहनों की रफ्तार कम हो जाती है। इंदौर-उज्जैन रूट के मामले में परिस्थिति उलटी है, इस रूट पर बसों की रफ्तार की वजह से आए दिन बड़े हादसे हो रहे हैं।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

इन हादसों के लिए जितने जिम्मेदार बस वाले हैं, उतने ही जिम्मेदार हैं दोनों जिलों के आरटीओं। बसों के बेतरतीब परमिट टाईमिंग की वजह से जिन बसों को दो घंटे में इंदौर से उज्जैन की दूरी तय करना होती है, वे महज सवा घंटे में ही एक स्टेंड से दूसरे स्टेंड की दूरी तय कर रही हैं।

शुक्रवार की शाम इंदौर-उज्जैन रूट पर सांवेर के नजदीक शुक्ला ब्रदर्स की एक बस ने दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार लोगों को चपेट में ले लिया। इनमें से दो नरवर के थे जबकि दो इंदौर के है। चारों ही गंभीर घायलों को इंदौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने बस के चालक को रोककर उसकी पिटाई कर दी और बस के कांच भी फोड़ दिए।

Advertisement

एक माह पहले भी इस रूट पर सांवेर थाना क्षेत्र में शुक्ला ब्रदर्स की बस की वजह से एक ही परिवार के चार लोग जान गंवा बैठे थे। इंदौर के सरवटे बस स्टेंड से उज्जैन में नानाखेड़ा और देवासगेट बस स्टेंड के बीच जितने भी थाना क्षेत्र है वहां लगभग हर रोज बसों की वजह से एक ना एक छोटा या बड़ा हादसा रिपोर्ट होता है। यहीं वजह है कि अब बसों की बेलगाम रफ्तार की वजह से आम लोग आक्रोशित हो रहे हैं और बस चालकों की पिटाई, बसों में तोडफ़ोड़ जैसी घटनाएं सामने आने लगी हैं।

एक नजर बसों के आवागमन पर

Advertisement

इंदौर से उज्जैन के बीच सुबह 5.30 बजे से रात 12 बजे के बीच लगभग 300 बसें (हर दिन 2 फेरे) 600 फेरे लगाती हैं। इनमें लगभग 150 बसें इंदौर व सांवेर के बस मालिकों की और इतनी ही उज्जैन के बस मालिकों की हैं।

इनके अलावा आगर, तनोडिया, पाट व राजस्थान से आने वाली भी लगभग 150 बसें वाया उज्जैन इंदौर की ओर यात्रा करती हैं।

वीडियों कोच अंतर्राज्यीय बसों की संख्या भी लगभग 70 है, जो इस रूट पर दोनों शहरों के बीच दौडती हैं।

 

Related Articles