शरीर में बढ़ रहा यूरिक एसिड बन जाएगा बीमारियों की जड़

भोपाल के एक निजी मेडिकल कॉलेज में डॉ. विजय गर्ग ने चेताया
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। अगर आपको हाई ब्लडप्रेशर , दिल संबंधी समस्या , मेटाबॉलिक सिंड्रोम , किडनी से जुड़ी परेशानी, जोड़ों में दर्द , पथरी रोग और मोटापा घेर रहा है तो एक बार अपना यूरिक एसिड टेस्ट जरूर कराएं। मौजूदा जीवनशैली के चलते यूरिक एसिड समस्या बन रहा है और यह बड़ी बीमारियों की वजह बन रहा है।
यह बात सीनियर प्रो. डॉ विजय गर्ग ने कही। वह भोपाल के एलएन सिटी मेडिकल कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। डॉ. गर्ग ने बताया कि मौजूदा जीवनशैली के कारण लोगों में यूरिक एसिड बढऩे की समस्या आम है। १५ से २० फीसदी लोग इस समस्या से गंभीर रूप से पीडि़त हैं।
कैसे नियंत्रित कर सकते हैं यूरिक एसिड को
डॉक्टर विजय गर्ग ने बताया कि बेहतरीन खानपान और दिनचर्या में बदलाव कर यूरिक एसिड पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
सबसे पहले तो अच्छी नींद लें। वजन को नियंत्रित करें। कभी भी भरपेट भोजन नहीं करें। कॉफ़ी, दूध , विटामिन सी, फॉलिक एसिड वाले फलों का रोजाना सेवन करें।
रोजाना हरी सब्जियां एवं फल का सेवन जरूर करें। कम नमक का उपयोग करें। मांसाहार और अल्कोहल को बाय-बाय कहें।
दवाओं का उपयोग तभी करें जब यूरिक एसिड रक्त में 9 से ज़्यादा हो।
अल्जाइमर का खतरा बढ़ा
सम्मेलन में प्रदेश के प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट डॉ अपूर्व पौराणिक ने कहा कि मौजूदा समय में 50 साल के उमर के बाद याददाश्त और भूलने की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे लोगों में आगे जाकर अल्ज़ाइमर का ख़तरा हो सकता है। गांधी मेडिकल कॉलेज के हदयरोग विशेषज्ञ डॉ राजीव गुप्ता ने बताया कि वर्तमान समय में युवाओ में आकास्मिक मौत बढऩे लगी हैं। इसका कारण दिल की बीमारियां हैं। रोजाना योगा, तनाव फ्री जीवन इसका इलाज है।
सिगरेट , तंबाकू से दूरी और डायबिटीज, ब्लड प्रेशर एवं वजन नियंत्रण कर रोग से बचा जा सकता है। कार्यक्रम में सांसद दर्शन चौधरी एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने डॉ विजय गर्ग को मास्टर टीचर अवार्ड से नवाज़ा। आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के विधार्थियो ने भी अपने पोस्टर एवं पेपर का वाचन किया। करीब 300 डॉक्टरों ने सम्मेलन में शिरकत की।









