वैभव यादव बने जिला बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष

बैडमिंटन खिलाडियों में हर्ष, तीन दशक के एकाधिकार के बाद अब युवा हाथों में एसोसिएशन की कमान

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अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। जिला बैडमिंटन एसोसिएशन में 3 दशक से चले आ रहे एक व्यक्ति के एकाधिकार को अंतत: समाप्त कर दिया गया और अब एसोसिएशन की कमान युवा हाथों में आ गई है। एसोसिएशन में वैभव यादव कल अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे। पदभार ग्रहण कार्यक्रम माधव क्लब में शाम 7 बजे आयोजित होगा।

मध्यप्रदेश बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरीश केमकर,सचिव अनिल चौघुले और जिला खेल अधिकारी ओपी हरोड़ अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। गौरतलब है की वैभव लम्बे समय से बैडमिंटन से जुड़े हुए हैं और दो तालाब स्थिति बैडमिंटन हॉल में खेलते हैं। वैभव के अध्यक्ष बनने पर शहर के बैडमिंटन प्लेयर्स में हर्ष है और सभी को उम्मीद है की पिछले कई सालों से निष्क्रिय पड़ी एसोसिएशन में अब खेल के विकास के लिए कई कार्य होंगे और उज्जैन अब बड़े टूर्नामेंट्स की मेज़बानी भी करेगा।

पूर्व अध्यक्ष के तीन दशक के एकाधिकार से चर्चा में थी एसोसिएशन

जिला बैडमिंटन एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और एमआईटी के मालिक प्रवीण (पप्पू) वशिष्ठ के तीन दशक तक चले एकाधिकार के चलते जिला बैडमिंटन एसोसिएशन चर्चा में रही। एसोसिएशन की निष्क्रियता के चलते उज्जैन में बैडमिंटन का विकास रुक गया था। उज्जैन में कोई बड़ा टूर्नामेंट आयोजित नहीं हुआ। पिछले एक दशक में इक्का दुक्का खिलाडियों ने अपने स्वयं के प्रयास और संसाधाओं से राज्य या राष्ट्रिय स्तर पर उपलब्धि हासिल की, इनके अलावा कोई खिलाड़ी राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका।

आर्थिक अनियमितताओं के भी लगे थे आरोप

एसोसिएशन के सक्रीय मेंबर्स द्वारा तत्कालीन अध्यक्ष वशिष्ठ और उनकी समिति पर वर्ष 2021 में हुई साधारण सभा की बैठक में आर्थिक अनियमितताओं के आरोप भी लगाए थे। वशिष्ठ द्वारा खेल एवं युवा कल्याण विभाग की लाखों रूपए की मेट शलाका बैडमिंटन हॉल से उठा कर अपने कॉलेज एमआईटी में लगवा दी थी। जिसकी खबर अख़बारों की सुर्खियां बनी तो एसोसिएशन के मेंबर्स ने तत्कालीन अध्यक्ष को एक पत्र लिख कर अपने पद का दुरूपयोग ना करने की नसीहत दी और मेट वापस लौटाने की गुहार लगाई थी। मेंबर्स द्वारा लिखा गया वह पत्र आज भी साक्ष्य के रूप में उपलब्ध है। तब तत्कालीन खेल एवं युवक कल्याण विभाग के डायरेक्टर की फटकार के बाद वशिष्ठ ने उस मेट को पुन: शलाका बैडमिंटन हॉल में लगवाया था।

एसोसिएशन की ‘सफाई’ ज़रूरी

पूर्व के वर्षों में एसोसिएशन में कई ऐसे मेंबर्स को सदस्य बनाया गया जो कभी बैडमिंटन खेलने तक नहीं आए न उनका इससे कोई वास्ता रहा। ऐसे सदस्य हमेशा से वोट बैंक का काम करते रहे जो सिर्फ चुनाव के समय उपस्थित हो जाते थे। खेल के विकास के लिए ज़रूरी है की ऐसे लोगों को एसोसिएशन से बहार का रास्ता दिखाया जाए या उनका हस्तक्षेप खेल गतिविधियों में सीमित किया जाए। चर्चा है की वैभव यादव अपनी टीम में सक्रीय सदस्य और युवाओं को मौका देने जा रहे हैं जिससे खेल और खिलाडियों का बेहतर विकास होगा।

उज्जैन में वर्तमान में हैं 4 प्रशिक्षण केंद्र

फिलहाल उज्जैन में 4 अकादमी में खिलाडियों को बैडमिंटन प्रशिक्षण दिया जाता है। जिसमे सबसे पुराना है शलाका बैडमिंटन हाल। इसी के साथ महानंदा स्पोर्ट्स एरीना, दो तालाब और नानाखेड़ा स्थित स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स। नानाखेड़ा स्थित स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स वर्त्तमान में सबसे आधुनिक और बड़ा है। चर्चा है की मुख्यमंत्री डॉ यादव द्वारा कुछ माह पूर्व दी गई इस सौगात को जिला बैडमिंटन एसोसिएशन खिलाडियों के विकास के लिए उपयोग में लाएगी । जो भविष्य में राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शहर का नाम रौशन करेंगे।

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