आचार्य विद्या सागर जी महाराज का रविवार को दोपहर को उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया था। आज मंगलवार 20 जनवरी को उनका अस्थि संचय होगा।
जैन धर्म में अस्थियों को जल में विसर्जित नहीं किया जाता। इसलिए आचार्य विद्यासागर जी की अस्थियों का कलश में संकलन कर उसे जमीन में दबाया जाएगा। जिस स्थान पर अस्थि कलश दबाया जाएगा, वहीं उनकी समाधि बनाई जाएगी। अंतिम संस्कार स्थल पर अभी भी अग्नि जल रही है। यहां से श्री विद्यासागर महाराज के अनुयायी नारियल चढ़ा रहे हैं और भभूति लेकर घर जा रहे हैं।
मुनि समय सागर महाराज को गद्दी सौंपी जाएगी
आचार्य विद्या सागर जी ने 6 फरवरी को मुनि योग सागर से चर्चा करने के बाद आचार्य पद का त्याग कर दिया था। उन्होंने मुनि समय सागर जी महाराज को आचार्य पद देने की घोषणा की थी। मुनि समय सागर महाराज के चंद्रगिरी तीर्थ पहुंचने के बाद विधिवत तरीके से उन्हें आचार्य की गद्दी सौंपी जाएगी।
विद्या सागर जी के उत्तराधिकारी बनाए गए मुनि समय मंगलवार को सागर महाराज मध्य प्रदेश के रावल वाड़ी मध्य प्रदेश पहुंच गए। वे 43 साधुओं के साथ पैदल यात्रा कर 22 फरवरी को बालाघाट से डोगरगढ़ पहुंचेंगे। वहां उन्हें विधिवत रूप से आचार्य की गद्दी सौंपी जाएगी।