सख्त कार्रवाई के लिए आदेश जारी करना पड़ा
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन विक्रम विश्व विद्यालय में प्रशासनिक कसावट के अभाव में कर्मचारियों पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। हालात यह है कि आए दिन कतिपय कर्मचारी शराब पी कर हंगामा खड़ा कर देते है। इतना ही नहीं परिसर में खुलेआम शराबखोरी भी होती है। इससे तंग आकर विवि प्रशासन ने सख्त कार्रवाई का आदेश जारी किया है। विवि में पहली बार जारी हुए इस तरह के आदेश को लेकर खासी चर्चा है।
विक्रम विश्व विद्यालय की छवि किस तरह प्रभावित हो रही है इसका उदाहरण विक्रम विश्व विद्यालय के एक आदेश से सामने आ गया है। शराब खोरी कर कार्यालय आने वाले कर्मचारियों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को यह आदेश जारी करना पड़ा है कि शराबखोरी कर ऑफिस आने वालों के खिलाफ साक्ष्य मिलने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। इतना ही नहीं आदेश को चस्पा करने के साथ विभिन्न विभाग और अध्ययनशालाओं भेजकर कर्मचारियों की हस्ताक्षर भी लिए गए है। इसकी कर्मचारियों में तीखी प्रतिक्रिया भी सामने आई लेकिन अधिकांश ने हस्ताक्षर कर दिए है।
विक्रम विश्व विद्यालय के आदेश में यह है…
विवि प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ऐसा देखा गया है कि विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में अक्सर व्यक्तियों को मंदिरापान करते हुए एवं मदिरापान कर विभाग एवं कार्यालयों में पाए गए है। अत: समस्त विभागाध्यक्ष, निदेशक, अधिकारी, प्रभारी, प्रपालक को कुलपति के आदेशानुसार निर्देशित किया जाता है कि अध्ययनशाला, संस्थान, विभाग, माधव भवन एवं सम्पूर्ण विश्वविद्यालय परिसार में जो कोई व्यक्ति भी मदिरापान करते हुए अथवा मदिरापान कर पाए जाने वाले व्यक्ति, कर्मचारी पर (उपलब्ध साक्ष्यों जैसे मोबाइल क्लिप, फोटो, अधिकारी तथा विभाग प्रमुख के लिखित कथन पर) विश्वविद्यालीन परिनियम 31 के अन्तर्गत कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। आदेश जारी होने के बाद विभागों में कर्मचारियों के हस्ताक्षर भी लिए गए है।
कुछ समय से बढ़ी हरकते
विक्रम विश्वविद्यालय में बीते कुछ समय से शराब पीकर हंगामा करने वालों की हरकत बढ़ चुकी है। इतना ही नहीं कतिपय विवि कर्मचारी तो परिसर में खुले स्थान पर कहीं भी बैठकर मदिरापान करने में गुरेज नहीं कर रहे है। इसकी शिकायत तो विवि प्रशासन को मिल रही थी। वहीं बीते दिनों कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पांडे विवि परिसर में निरीक्षण के दौरान कुछ विवि कर्मचारियों को मैदान में बैठकर मदिरापान करते हुए पकड़ा और चेतावनी/समझाइश देकर छोड़ दिया था। करीब एक माह पहले एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शराब के नशे में प्रशासनिक भवन पहुंच गया था। उसे अन्य कर्मचारियों ने बमुश्किल घर तक पहुंचाया था। इसके अलावा अन्य विभागों से भी कतिपय कर्मचारियों के शराब पीकर ऑफिस आने की शिकायतें लगातार मिल रही थी।
आदेश निकलने से क्या कार्रवाई होना चाहिए
शराबखोर कर्मचारियों पर कार्रवाई का आदेश जारी होने के बाद विक्रम विश्व विद्यालय के ही कुछ कर्मचारियों का कहना है कि आदेश से क्या होता है। जो गड़बड़ी करते है उन पर कार्रवाई होना चाहिए। कई बार कर्मचारियों को नशे की हालत में पकड़ा गया है। उन पर कार्रवाई नहीं होने के कारण ही कर्मचारियों में भय नही है। हाल ही के दिनों में शराबखोरी के तीन-चार मामले सामने आने के बावजूद अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की। एक घटना तो विक्रम विश्व विद्यालय माधव भवन में कुलपति और कुलसचिव के सामने हो चुकी है. लेकिन हंगामा करने वाले पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
कतिपय कर्मचारियों की हरकत बर्दाश्त करने लायक नहीं है। इससेविश्वविद्यालय की छवि को धूमिल कर रही थी। नशे में हंगामा करने वाले कर्मचारी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
– प्रो.अखिलेश कुमार पाण्डेय
कुलपति विक्रम विवि।