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विक्रम विश्वविद्यालय PHD परीक्षा का मामला दिल्ली पहुंचा

विवि अनुदान आयोग को गड़बड़ी की शिकायत

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अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया पर उठे सवालों का निराकरण नहीं होने और पीएचडी आरएसी कराने की तैयारी के बीच पीएचडी परीक्षा का मामला दिल्ली पहुंचा गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत की गई है।

 

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को शिकायत में बताया गया है कि विक्रम विश्वविद्यालय में जुलाई 2024 में पीएचडी प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया। इस परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को यूजीसी द्वारा जारी छात्र अधिकार से वंचित किया गया। विद्यार्थियों द्वारा अपने अधिकार और यूजीसी की गाइड लाइन का पालन करने के लिए एक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया । विश्व विद्यालय प्रशासन द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन का निर्धारित समयावधि में निराकरण किए बिना ही अपने अधीनस्थ पीएचडी प्रवेश के लिए गठित आरएसी कमेटी के सदस्यों की मदद से नियम विरुद्ध प्रवेश प्रक्रिया को संचालित करने का कार्य जारी रखा।

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ऐसी पस्थितियों में छात्रों द्वारा यूसीसी से मांग की जा रही है कि विद्यार्थियों को उनके न्यूनतम अधिकार से वंचित रखने वाले अधिकारियों के कृत्य की जांच की जाए। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलगुरु प्रो.अखिलेश कुमार पाण्डे, कुलसचिव अनिल शर्मा, परीक्षा नियंत्रक और आरएसी कमेटी द्वारा यूजीसी के छात्र अधिकार संबंधी दिशा- निर्देश का उल्लंघन करने की जांच कर छात्र अधिकार का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

पूर्व में अवगत कराया था

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शिकायतकर्ता विद्यार्थी राम सिंह सोंलकी ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा यूसीसी की छात्र अधिकार संबंधी दिशा-निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है। नियमों का पालन नहीं किए जाने के संबंध में पूर्व में विवि के कुलगुरु और कुलसचिव अवगम कराया गया था। इसके बाद भी छात्र अधिकार संबंधी दिशा-निर्देश का निराकरण नहीं किया गया

दिशा-निर्देश का पालन नहीं किया

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से शिकायत में दिशा-निर्देश का पालन नहीं करने की जानकारी दी गई है।

 छात्र अधिकार संबंधी दिशा-निर्देश के बिंदु क्रमांक 2.5 में स्पष्ट कि विद्यार्थी को दाखिला की गई परीक्षा की उत्तर – पुस्तिका प्राप्त करने का अधिकार है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा पीएचडी प्रवेश परीक्षा के तहत दाखिला आवेदन करने वालों को उत्तर पुस्तिका प्रदान नहीं की जा रही है।

प्रवेश परीक्षा में बैठने वाले प्रत्येक प्रत्याशी द्वारा प्राप्तांक एवं समस्त घटकों सहित संपूर्ण प्रतीक्षा सूची को सार्वजनिक किया जाना अनिवार्य है। ऐसा नहीं किया जा रहा है ।

छात्र अधिकार संबंधी दिशा-निर्देश में स्पष्ट है कि प्रवेश परीक्षा पात्रता, मानदण्ड और अन्य समस्त सूचना को सार्वजनिक किया जाएगा। ऐसा नहीं किया जा रहा है।

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