राज्य और सिंहस्थ की प्रतिकृति भी दिखेगी आसमान में
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। मध्यप्रदेश का पहला ड्रोन शो शिप्रा नदी पर होगा, जो करीब 20 मिनट का होगा। इस दौरान भगवान महाकाल से जुड़े प्रतीक चिह्न के अलावा मध्यप्रदेश का नक्शा और सिंहस्थ का सिंबल भी दिखाई दे सकता है। प्रदेश के संस्कृति विभाग और विक्रमादित्य शोधपीठ ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। मध्यप्रदेश सरकार के आयोजन विक्रमोत्सव के अंतर्गत नव संवत्सर पर शिप्रा नदी पर रामघाट से झालरिया मठ के बीच यह शो आयोजित करने की तैयारी शुरू हो गई है।
शो में भगवान महाकाल और उनसे जुड़ी आकृति को करीब एक हजार ड्रोन द्वारा प्रदर्शित किया जाएगा। यह केवल 20 मिनट का ही शो होगा। नदी पर आसमान में ड्रोन शो के माध्यम से ये अनुपम दृश्य दिखाई देंगे। प्रदेश में पहली बार उज्जैन में यह शो आयोजित होने जा रहा है। 125 दिनों के विक्रमोत्सव के मुख्य समारोह में इसकी प्रस्तुति दी जाएगी।
महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया इसकी प्रक्रिया चल रही है। मध्यप्रदेश में पहली बार यह शो आयोजित किया जा रहा है। शो के प्रभारी डॉ. अनिल कोठारी ने बताया इसकी अवधि फिलहाल 20 मिनट तय की गई है। इस दौरान सिंहस्थ 2028 और मध्यप्रदेश पर केंद्रित प्रतिकृतियां भी दिखाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए करीब एक हजार ड्रोन आसमान में उड़ाए जाएंगे और इनके माध्यम से आकृतियां बनाई जाएंगी। ड्रोन शो के लिए एक टीम उज्जैन आ चुकी है।
टोक्यो में हुआ था प्रदर्शन…
5500 ड्रोन एक साथ उड़े थे
टोक्यो 2020 ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में ड्रोन शो हुआ था। रूस के निजऩी नोवगोरोड में जियोस्कैन ड्रोन शो द्वारा शहर की 800वीं वर्षगांठ का जश्न मनाया गया था। आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती में 5500 ड्रोन के साथ एक बड़ा
ड्रोन शो किया गया था।
कंप्यूटर प्रोग्राम कमाल
कई ड्रोन को एक साथ उड़ाकर आकाश में मनोरम पैटर्न, आकार, और एनिमेशन दिखाना होता है। ड्रोन को कंप्यूटर प्रोग्राम के ज़रिए कंट्रोल किया जाता है। ड्रोन शो को रात में किया जाता है और यह आतिशबाज़ी का एक बेहतर विकल्प होता है। ड्रोन शो को संगीत के साथ भी सिंक्रोनाइज किया जाता है। ड्रोन को एलईडी लाइट से लैस किया जाता है। स्मोकपॉड, लेजऱ, या लाइट बीम से भी लैस किया जा सकता है। इंजीनियरों और डिजाइनरों की टीम के माध्यम से शो होता है।
ड्रोन शो होगा
विक्रमोत्सव के शुभारंभ समारोह के अंतर्गत ड्रोन शो करने का निर्णय लिया गया है। उज्जैन से आरंभ हुआ विक्रमोत्सव अब देश और दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है।
-श्रीराम तिवारी, निदेशक महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ उज्जैन