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डॉग का इलाज नहीं करने से नाराज थे, सबक सिखाने के लिए झूठ बोलकर बुलाया और पीटा

पशु चिकित्सक को पीटने वाले आरोपी गिरफ्त में

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आरोपियों से घटना में प्रयुक्त 2 बाइक, 6 मोबाइल, कड़ा जब्त

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। पशु चिकित्सक को पीटने वाले आरोपियों को माधवनगर पुलिस ने ४८ घंटे में गिरफ्त में ले लिया। बीमार डॉग का इलाज नहीं करने से नाराज आरोपियों ने गोवंश के घायल होने का झूठ बोलकर डॉक्टर को रात में पीजीबीटी ग्राउंड के पास बुलाया और वहां उनकी जमकर पिटाई की थी जिसमें डॉक्टर के सिर में १२ टांके लगाना पड़े थे।

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दरअसल, पावापुरी कॉलोनी निवासी ४७ वर्षीय डॉ. रिंकेश वर्मा पंथपिपलई पशु चिकित्सालय में सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं। इसके अलावा नगर निगम में रात्रिकालीन आपदा सेवाओं के अंतर्गत उनकी ड्यूटी डॉ. केआर डावरे और सुरेश नाहट के साथ रहती है। उन्हें १५ जनवरी की रात करीब ११.३० बजे अशोकनगर में एक घायल गोवंश के घूमने की सूचना निगम के कंट्रोल रूम पर मिली थी।

डॉ. रिंकेश वर्मा और डॉ. डावरे कार से बताई जगई पर गोवंश को तलाशते रहे लेकिन वह नहीं मिला। काफी ढूंढने के बाद वह पीजीबीटी ग्राउंड की ओर से होते हुए वापस जा रहे थे तभी बाइक टकराते हुए अज्ञात बदमाशों ने डॉ. वर्मा के साथ जमकर मारपीट की थी। माधवनगर थाने में केस दर्ज होने के बाद एसपी ने एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर और सीएसपी दीपिका शिंदे को आरोपियों को पकडऩे के निर्देश दिए थे। ४८ घंटे में पुलिस ने आरोपी दुर्गेश उर्फ संजय पिता मुरलीधर परमार निवासी ग्राम कनार्दी हालमुकाम लक्ष्मीनगर, आदित्य पिता पंकज नाईक निवासी सेठीनगर, विनोद पिता गोवर्धनलाल चौहान निवासी बिशनखेड़ी, विनोद पिता मोहनलाल मालवीय निवासी मालीखेड़ी हालमुकाम गोपालपुरा, सावन राठौर निवासी गोपालपुरा और एक बाल अपचारी को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से घटना में प्रयुक्त दो बाइक क्र. एमपी १९ एमसी २७६७ और एमपी ४१ एन ३३०९, ६ मोबाइल और कड़ा जब्त किया।

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ऐसे पहुंची पुलिस आरोपी तक

पुलिस टीम ने सबसे पहले फरियादी डॉ. वर्मा और उनके साथी डॉ. डावरे से पूछताछ की लेकिन डॉ. वर्मा ने आरोपियों के संबंध में स्पष्ट जानकारी नहीं दी। इसके बाद नगर निगम कंट्रोल रूम पर सूचना देने वाले मोबाइल नंबर 72248-08109 के धारक विनोद मालवीय से पूछताछ की गई। विनोद ने बताया कि डॉ. वर्मा के समय पर नहीं आने से वह गाय को वहीं छोडक़र चला गया था। पुलिस टीम ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज देखे और मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया। इसके बाद फरियादी डॉ. रिंकेश वर्मा से फिर बारीकी से पूछताछ की गई जिसमें सामने आया कि घटना दिनांक को शाम के वक्त जानवरों से लगाव रखने वाले संजय परमार कुत्ते का इलाज समय पर नहीं किए जाने की बात से डॉक्टर से नाराज हैं।

इसके बाद पुलिस हरकत में आई और बारीकी से तफ्तीश की गई। इसके बाद नगर निगम कंट्रोल रूम में जिस कॉलर द्वारा गोवंश के घायल होने की सूचना दी गई थी उस स्थान की तस्दीक की गई लेकिन यहां भी कोई गाय घायल नहीं मिली। पुलिस को पता चला कि सूचनाकर्ता विनोद मालवीय द्वारा कंट्रोल रूम और पशु चिकित्सक को गलत जानकारी देकर भ्रमित किया है। इसके बाद पुलिस ने विनोद और संजय परमार से मनोवैज्ञानिक तरीके एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पूछताछ की तो सारी कहानी सामने आ गई। इसके बाद पुलिस एक के बाद एक सभी आरोपियों तक पहुंच गई और उन्हें गिरफ्त में ले लिया।

कुत्ते की मौत से थे खफा

पूछताछ में आरोपीगण ने १५ जनवरी को ही डॉ. रिंकेश वर्मा को शाम के समय घायल श्वान का इलाज करने की सूचना दी थी लेकिन डॉक्टर समय पर नहीं पहुंचे थे जिससे डॉग की मौत हो गई थी। इसी के कारण आरोपियों के मन में डॉक्टर के प्रति गुस्सा था। पशु चिकित्सक को सबक सिखाने के उद्देश्य से आरोपी संजय परमार एव विनोद मालवीय ने अपने साथी आदित्य नाईक, विनोद चौहान, सावन राठौर व एक नाबालिग के साथ योजनाबद्ध तरीके से डॉ. रिकेश वर्मा को घायल गाय की सूचना देकर पीजीबीटी कॉलेज के ग्राउंड के पास बुलाया और फिर कार रोककर उन्हें जमकर पीटा। इसके बाद आरोपी वहां से भाग निकले थे।

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