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ये कैसी आजादी… बंगले पर अफसर का ताला!

प्रमोशन पर उज्जैन से भोपाल पहुंचे, लेकिन बंगला नहीं छोड़ा

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अक्षरविश्व न्यूज:पूरे देश ने गुरुवार को आजादी का जश्न मनाया और अफसरों ने अपना कर्तव्य निभाने की प्रेरणा ली, लेकिन प्रमोशन पर उज्जैन से भोपाल ट्रांसफर हुए शिक्षा विभाग के एक बड़े अधिकारी ने बंगले को खाली करने की जगह अपना ताला लगाकर कब्जा जमा लिया। अब विभाग के अफसर इससे परेशान हैं।

 

‘साहब’ से बंगला खाली कराने के लिए पत्र भोपाल भी भेज दिया, लेकिन अफसर का मोह बंगले से दूर नहीं हो पा रहा। ये साहब हैं संयुक्त संचालक संभागीय शिक्षा रविंद्रसिंह जो एक साल तक उज्जैन में पदस्थ रहे। उनको शासकीय शिक्षा महाविद्यालय (पीजीबीटी) परिसर में एक बड़ा बंगला अलॉट किया गया था।

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सिंह को शासन ने भोपाल में अपर सचिव पदस्थ कर दिया। करीब एक साल से सिंह भोपाल में ही काम कर रहे हैं, लेकिन उनको अलॉट किया गया बंगला उनके कब्जे में ही है। यह प्रॉपर्टी पीजीबीटी की है, इसलिए उन्होंने भोपाल में वरिष्ठ अधिकारियों को इस स्थिति से अवगत कराकर पत्र भी लिख दिया लेकिन यह खाली नहीं हो पा रहा और इसका उपयोग भी नहीं हो पा रहा। वर्तमान में संयुक्त संचालक का प्रभार रमा नाहटे के पास है।

शानदार बंगला बनाने पर सरकार ने खर्च किए लाखों रुपए…

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संयोग से पीजीबीटी परिसर में बंगले का निर्माण तत्कालीन संयुक्त संचालक रविंद्रसिंह के आने पर ही बनकर तैयार हुआ था। दो बंगलों को जोड़कर इसे शानदार बनाया गया था। इस पर सरकार ने काफी पैसा भी खर्च किया, लेकिन अब यह वीरान पड़ा है, क्योंकि उन्होंने आवास रिक्त ही नहीं किया है। मेनगेट पर उन्होंने अपना ताला लगा रखा है।

पत्र भेज चुके हैं

यह सही है कि तत्कालीन संयुक्त संचालक और वर्तमान में अपर सचिव रविंद्रसिंह को पीजीबीटी परिसर में बंगला आवंटित किया गया था। उनका ट्रांसफर हो चुका है और उनको आवंटित आवास रिक्त कराने के लिए एक पत्र भोपाल भी भेज चुके हैं। -राजीव पांडे, प्रिंसिपल पीजीबीटी कॉलेज, उज्जैन

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