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शिप्रा के घाटों से अतिक्रमण हटाया तो खाली जगह पर बन गई पार्किंग

रामानुजकोट और छोटे पुल से आने वाले मार्गों पर बैरिकेड्स लगे होने के बाद भी प्रवेश करते हैं चार व दो पहिया वाहन

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन पिछले दिनों कलेक्टर द्वारा शिप्रा नदी के घाटों का निरीक्षण करने के बाद यहां अनाधिकृत रूप से संचालित हो रही होटलों व अन्य दुकानों को हटाने के निर्देश दिये गये थे जिसके पालन में नगर निगम द्वारा घाट के आसपास लगी दुकानों को हटा दिया गया लेकिन उक्त खाली जगह में अब दो पहिया, चार पहिया वाहन खड़े हो रहे हैं।

 

रामानुजकोट से रामघाट की ओर आने वाले मार्ग से नृसिंहघाट व छोटे पुल की ओर जाने वाले मार्ग पर लोगों ने सड़क किनारे अनाधिकृत रूप से होटल व फूल प्रसाद सहित अन्य सामग्री की दुकानें लगा ली थीं जिस कारण हजारों की संख्या में प्रतिदिन शिप्रा नदी में स्नान के लिये देश भर से आने वाले श्रद्धालु भीड़ होने की स्थिति में परेशान होते थे।

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कलेक्टर नीरज कुमार सिंह द्वारा शिप्रा नदी के घाटों का निरीक्षण करने के दौरान उक्त स्थिति देखने के बाद निगम आयुक्त को घाटों से उक्त दुकानें हटाने के निर्देश दिये गये। रामघाट सफाई व्यवस्था प्रभारी, झोनल अधिकारी व नगर निगम की अतिक्रमण हटाने वाली गैंग ने घाटों पर लगे ठेले, गुमटी को हटाने की कार्रवाई की गई उसके दूसरे दिन इसी खाली जगह को लोगों ने दो पहिया, चार पहिया वाहन पार्किंग बना दिया। अब लोग रामानुजकोट के सामने लगे बैरिकेड को खोलकर अपने वाहन घाटों तक ला रहे हैं।

होमगार्ड सिर्फ माइक से देते हैं हिदायत

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शिप्रा नदी के घाटों पर भीड़ प्रबंधन और वाहनों के आवागमन को रोकने के लिये महाकाल थाने के पुलिस जवानों और उनके सहयोग के लिये होमगार्ड जवानों की ड्यूटी लगाई जाती है। उक्त लोग माइक से एनाउंस तो करते हैं कि घाटों पर वाहन लाना प्रतिबंधित है। नियम का उल्लंघन करने वालों पर वैधानिक कार्रवाई की जायेगी लेकिन बैरिकेड पर लगा ताला खोलकर उक्त वाहन घाट पर प्रवेश करने के बाद यहीं खड़े भी हो रहे हैं जिन्हें हटवाने या बैरिकेड से प्रवेश रोकने के लिये कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।

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