कार्तिक पूर्णिमा कब है? स्नान-दान का मुहूर्त व महत्त्व

हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है. इस दिन भगवान विष्णु देवी लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने का विधान है. ऐसा करने से धन-संपदा और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन पूजा-पाठ और दान-पुण्य करना बेहद शुभ माना जाता है. इसके अलावा पूर्णिमा के दिन स्नान-दान भी महत्वपूर्ण माना जाता है. कहते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और शुभ फल प्राप्त होते हैं. तो आइए अब जान लेते हैं कि इस साल कार्तिक पूर्णिमा कब मनाई जाएगी और स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त क्या रहेगा.
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तिथि और मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा के दिन किया गया दान-पुण्य अक्षयों फलों की प्राप्ति कराता है. इस साल कार्तिक माह पूर्णिमा तिथि का आरंभ 15 नवंबर, 2024 को सुबह 6:19 बजे हो रहा है, जो 16 नवंबर 2024 को सुबह 2:58 बजे तक रहेगा. वहीं पूर्णिमा उपवास के दिन चंद्रोदय का समय 15 नवंबर, 2024 को शाम 6:51 बजे होगा. उदयातिथि पड़ने के कारण 15 नवंबर, 2024 को गंगा स्नान किया जाएगा.
स्नान-दान का महत्व
हिंदू धर्म में मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रीहरि विष्णु जी स्वयं गंगाजल में निवास करते हैं.ऐसा कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर किए गए दान-दक्षिणा का फल कई गुना होकर हमें वापस मिलता है.पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद तिल,गुड़,घी,फल,अन्न,कपास,कंबल,वस्त्र आदि का दान करना चाहिए.इसके साथ ही जरूरतमंद को भोजन कराना चाहिए.अगर आप गंगा स्नान करने नदी या तालाब में नहीं जा रहे हैं तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा-सा गंगाजल डालकर,पवित्र नदियों का ध्यान करते हुए स्नान करे.ऐसा करने से भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
कार्तिक पूर्णिमा पर ऐसे करें पूजा
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठें. सबसे पहले घर की साफ-सफाई करें. यदि संभव हो तो इस दिन पवित्र नदी में स्नान करें. इसके बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. इसके बाद पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें. अब आप भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधि पूर्वक पूजा करें. सबसे पहले भगवान विष्णु जी को गंध, पुष्प, फल, फूल और वस्त्र अर्पित करें. साथ ही मां लक्ष्मी को सोलह श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं. अब आप दीपक जलाकर श्री विष्णुसहस्त्रनामक स्त्रोत का पाठ करें. इसके बाद श्रीकनकधारा स्त्रोत का पाठ करें. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के बाद गरीबों को जरुरत की चीजें दान करें. ऐसी मान्यता है कि इस दिन गरीबों को किए दान से पुण्यफल की प्राप्ति होती है.