प्रेग्नेंसी में चिंता क्यों होती है? डॉक्टर ने बताएं पूरे नौ महीने शांत रहने के सिद्ध तरीके

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इसका असर उनके व्यवहार और मूड पर भी पड़ता है। जैसे- जैसे प्रेग्नेंसी आगे बढ़ती हैं, शरीर में होने वाली समस्याओं और बच्चे के जन्म को लेकर चिंता भी बढऩे लगती है। इस दौरान उनके मन में अपने शरीर और रिश्ते को लेकर कई तरह के सवाल भी चिंता की भावना पैदा करते हैं। अगर आप भी प्रेग्नेंट हैं और इन चुनौतियों से निपटना चाहती हैं, यह टिप्स आपको शांत रहने और खुद पर काबू पाने में मदद कर सकते हैं।
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साथी से बात करें
एक्सपर्ट के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को अपने डर और चिंता को दूर करने के लिए अपने साथी से बात करनी चाहिए। इससे भावनात्मक बोझ काफी हद तक हल्का हो जाता है। जब आपको साथी से प्यार और देखभाल मिलती है, तो भविष्य के बारे में चिंता करने के बजाय वर्तमान पर फोकस करना आसान हो जाता है।

मदद लेने में संकोच ना करें
चिंता की स्थिति में अपने दोस्तों या परिवार के सदस्यों से मदद मांगने से संकोच नहीं करना चाहिए। इसके अलावा आप उन मांओं से बात कर सकती हैं, जो पहले कभी समान परिस्थितियों से गुजर चुकी हैं। उनके अनुभव आपकी समस्या को दूर करने में काफी मदद करेंगे।
फिजिकल हेल्थ का ध्यान रखें
एक्सपर्ट के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान अपनी फिजिकल हेल्थ का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। क्योंकि खराब शारीरिक स्वास्थ्य आपकी मानसिक सेहत को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में आप डेली रूटीन में स्वस्थ आदतों को अपनाकर बॉडी इमेज को लेकर होने वाले मुद्दों से निपट सकती हैं। एक्सपर्ट की मानें, तो फिट और एनर्जेटिक रहने के लिए फिजिकल वर्कआउट करना जरूरी है।
थैरेपी लें
प्रेग्नेंसी के दौरान पारिवारिक स्थितियों में बदलाव होता है। कई महिलाओं को भावनात्मक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में प्रोफेशनल थेरेपी गेम चेंजर का भी काम कर सकती है। एक थैरेपिस्ट कठिन समय में आपको अच्छा गाइडेंस दे सकता है।
खुद पर भरोसा रखें
गर्भवती महिलाओं में आत्मविश्वास की कमी देखी जाती है, जो उनकी चिंता का कारण बनती है लेकिन इस दौरान हर गर्भवती को एक अच्छी मां बनने की अपनी क्षमता पर भरोसा करना चाहिए। पैरंटहुड जर्नी में जैसे-जैसे आप आगे बढ़ेंगे अपने मूल्यों के आधार पर बच्चे की सुरक्षा और पालन पोषण करने में काफी आसानी होगी।









