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चरक अस्पताल की लिफ्ट में फंसी महिला, 15 मिनट बाद कर्मचारी ने 5वीं मंजिल से निकाला

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। चरक अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाएं प्रतिदिन सामने आ रही हैं। कभी लिफ्ट में मरीज और उनके अटेंडर फंस जाते हैं तो कभी लोगों को पीने का पानी नहीं मिलता। सुबह एक महिला लिफ्ट में फंस गई।

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सिंधी कालोनी निवासी लता पिता किशनचंद गिदवानी ने उनके पिता की तबियत खराब होने पर शनिवार रात चरक अस्पताल में भर्ती कराया था। सुबह वह अपने पिता के पास 5 वीं मंजिल स्थित वार्ड में जाने के लिए इमरजेंसी के पास स्थित लिफ्ट में पहुंचीं। उन्होंने 5 वीं मंजिल का बटन दबाया। लिफ्ट बीच में ही रुक गई। लता गिदवानी घबराईं और शोर मचाया। आवाज सुनकर एक व्यक्ति ने कर्मचारी को इसकी सूचना दी। पहली मंजिल से लेकर पांचवीं मंजिल तक कर्मचारी लिफ्ट का दरवाजा खोलने, उसे ग्राउण्ड फ्लोर पर लाने के लिए मशक्कत करने लगे। करीब 15 मिनिट बाद 5 वीं मंजिल पर मौजूद कर्मचारी ने दरवाजा खोलकर महिला को बाहर निकाला।

 

लिफ्टमेन भी नहीं रहते : चरक अस्पताल में कुल 9 लिफ्ट हैं। दो लिफ्ट डॉक्टर्स, स्टाफ के लिए, दो लिफ्ट मरीजों के लिए आरक्षित हैं। बाकि लिफ्ट का मरीजों के परिजन उपयोग करते हैं। खास बात यह कि सिर्फ डॉक्टर्स व स्टाफ की लिफ्ट में कर्मचारी तैनात हैं बाकि लिफ्ट आमलोग ही ऑपरेट करते हैं।

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यह चरक अस्पताल है या नरक
लता गिदवानी ने बताया कि उनके पिता का ठीक से उपचार नहीं हो रहा। उन्हें डिस्चार्ज कराकर दूसरे अस्पताल ले जाना है। डॉक्टर से मिलने जाना था इसलिए लिफ्ट में अकेली गई, लेकिन लिफ्ट बीच में ही रुक गई। 15 मिनिट फंसे रहने के दौरान घबराहट हो रही थी। यहां व्यवस्थाएं ठीक नहीं हैं। यह चरक अस्पताल है या नरक।

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