शिक्षा विभाग में काम अधूरा-भुगतान पूरा, वसूली को टालने के लिए दिए विभागीय जांच के आदेश…!

By AV NEWS

22 लाख रु. से अधिक की गड़बड़ी

शैलेष व्यास | अक्षर विश्व एक्सक्लूसिव
उज्जैन
। स्कूल की मरम्मत और जीर्णोद्धार में अधूरे काम का पूरा भुगतान कर दिया गया है। इस काम में 22 लाख से अधिक की की गड़बड़ी सामने आई है। तकनीकी जांच प्रतिवेदन में राशि वसूलने की अनुशंसा के बावजूद शिक्षा विभाग के कर्ताधर्ताओं ने अपने अपनों को बचाने के लिए विभागीय जांच बैठा दी है। लगभग 2 साल पहले हुई अनियमितता पर केवल कागजी औपचारिकता चल रही है।

शिक्षा सत्र 2021-22 में जिले के 71 हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल की मरम्मत, जीर्णोद्धार और अन्य कार्य के लिए एक-एक,दो -दो लाख रु. जारी किए गए थे। काम स्कूलों की समितियां के देखरेख में होना था कार्य पूर्ण होने के बाद समितियां ने संबंधित ठेकेदार को पूरी राशि का भुगतान कर दिया इस काम में गड़बड़ी की शिकायत मार्च 2023 में उज्जैन कलेक्टर से की गई थी।

इस पर कलेक्टर ने आदेश क्रमांक 1436, दिनांक 24-04-23 जारी कर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा आरईएस के कार्यपालन यंत्री को सहायक यंत्री, अन्य अधिकारियों की टीम बनाकर जांच जांच करने की निर्देश दिए थे ही जांच में सभी 71 स्कूलों की जांच की गई जिसमें 34 विद्यालयों में अधूरे काम का पूरा भुगतान किया गया। काम की तुलना में यह राशि 22 लाख 62 हजार 498 रु. अधिक थी।

मिट्टी फैलाने में भी अधिक भुगतान

ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के जांच प्रतिवेदन के अुनसार सभी ३४ स्कूल में कार्य देयक के मान से कम कराया गया है। उमा विद्यालय संतराम सिंधी कॉलोनी उज्जैन (शहर) में मिट्टी के भराव और मिट्टी को फैलाने के काम में दर तय नहीं करते हुए काम से अधिक राशि का भुगतान किया है। हाईस्कूल बमनापाती जनपद पंचायत बडऩगर में गर्डर जोखिम लगी होने के साथ मलबा परिवहन में अधिक राशि का भुगतान किया गया है।

3 माह में पूरी हुई जांच

कलेक्टर के निर्देश पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अधिकारियों ने जांच के बाद प्रतिवेदन तैयार दिया ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री सुनील शर्मा और संयुक्त कलेक्टर सरिता लाल के हस्ताक्षर से जांच प्रतिवेदन क्रमांक 2192/ तक./ ग्रायांसे/ 2022 दिनांक 20-06-2023 प्रस्तुत किया गया। इसमें बताया गया कि 71 में से 34 विद्यालयों में काम से अधिक की राशि का भुगतान किया गया। इसमें शाला स्तर के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों से 22 लाख 62 हजार 498 की राशि वसूलने की अनुशंसा की गई थी।

मेजरमेंट बुक और जिम्मेदारों के नाम मांगे थे विभाग ने

जांच प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर ने शिक्षा विभाग को पत्र क्रं/५९४९/ शिकायत/२०२३ उज्जैन दिनांक २१-०७-२०२३ जारी कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद शिक्षा विभाग ने संबंधित स्कूलों के प्राचार्यों को पत्र कं्र/ आरएमएसए/ २०२३/७०८ जारी कर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के प्रतिवेदन के आधार पर स्पष्टीकरण,३४ विद्यालयों से वर्क एमबी (मेजरमेंट बुक),शाला स्तर पर जिम्मेदार अधिकारी/ कर्मचारी का विवरण तलब किया था।

सूत्रों के अनुसार किसी का स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं था। इसके चलते विभाग में संबंधितों से राशि वसूली की कवायद होने लगी। राशि वसूलने के लिए कोई अंतिम निर्णय होने से पहले ही विभागीया जांच के आदेश कर दिए गए। ऐसा संभवत: वसूली को टालने और मामले को लंबित रखने के उद्देश्य से किया गया है। हालांकि शिक्षा विभाग इससे इनकार कर जांच को प्रक्रिया-नियम का एक हिस्सा बता रहे है।

इनका कहना

फिलहाल किसी से कोई वसूली नहीं हुई है। वरिष्ठ कार्यालय के निर्देश और नियमानुसार विभागीय जांच की जा रही है। यह कब पूरी होगी कह नहीं सकते है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे,उस अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
आनंद कुमार शर्मा जिला शिक्षा अधिकारी उज्जैन

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