खेत, वन, बाग और अन्य प्रकार के कृषि व्यवसाय से अपशिष्ट (Waste) निकलता हैं। ये रीसाइक्लिंग के लिए प्लास्टिक पैकेजिंग से लेकर ख़राब हो चुकी फसल,पशु खाद और कीटनाशक भी हो सकते हैं। पर्यावरण, हेल्थ और आपके बिज़नेस के प्रोटेक्शन के लिए एग्रीकल्चर वेस्ट का डिस्पोजल जरुरी है। एग्रीकल्चर वेस्ट का स्टोरेज, उसे हटाने और डिस्पोजल के लिए देश में कई नियम हैं। कुछ किसान इन नियमों को मनते हैं, कुछ नजरअंदाज कर देते हैं। हमें एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखना चाहिए।
विश्व पर्यावरण दिवस के इस मौके पर हम आपको बताएंगे कि कृषि से निकलने वाले कचरे का प्रबंधन कर आप कैसे पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकते हैं।
कंपोस्टिंग: जैविक कृषि वेस्ट जैसे फसल के अवशेष और ख़राब हो चुकी फसल को खाद में परिवर्तित करें। खाद न केवल कचरे को कम करता है बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी का भी बनाता करता है। इसका उपयोग मिट्टी की उर्वरता और संरचना में सुधार के लिए किया जा सकता है।
बायोमास ऊर्जा उत्पादन: बायोमास ऊर्जा उत्पादन के लिए फीडस्टॉक के रूप में कृषि अपशिष्ट, जैसे फसल अवशेष या पशु से उत्पन्न कचरे का उपयोग करें। बायोमास को जैव ईंधन में परिवर्तित किया जा सकता है या गर्मी और बिजली पैदा करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम हो जाती है।
पैकेजिंग मटेरियल को रीसायकल करना: कंटेनरों या मटेरियल को रीसायकल किया जा सकता है, जो कृषि पैकेजिंग से कचरे को कम करता है। लैंडफिल कचरे को कम करने के लिए प्लास्टिक, कार्डबोर्ड और धातु जैसी पैकेजिंग सामग्री को ठीक से अलग और रीसायकल करें।
कीटनाशक और रासायनिक प्रबंधन: कीटनाशकों और अन्य एग्रोकेमिकल्स को डिस्पोस करें। अनुचित निपटान से बचें जो मिट्टी, जल स्रोतों और इकोसिस्टम को निकसान पहुंचाए।
उर्वरकों और रसायनों का ध्यान: उर्वरकों और रसायनों का सही से प्रयोग करने के लिए मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें। यह ज्यादा उपयोग को रोकता है, कचरे को कम करता है, और और उसे पानी में मिलने से रोकता है।
पोषक तत्व को मैनेज करना: फसलों के पोषक तत्वों को मैनेज और कंट्रोल करें। यह फ़र्टिलाइज़र का सही इस्तेमाल करने, पोषक तत्वों को कम होने से रोकने और जल प्रदूषण को रोकने में मदद करता है।
सिंचाई पद्धतियां: पानी की बर्बादी को कम करने के लिए सिंचाई मेथड, जैसे ड्रिप सिंचाई या स्प्रिंकलर सिस्टम को अपनाएं। सिंचाई के सही समय-निर्धारण और निगरानी से जल-जमाव को रोका जा सकता है और पोषक तत्वों की लीचिंग को कम किया जा सकता है।
शिक्षा और जागरूकता: कचरे को कम करने के महत्व के बारे में किसानों और कृषि समुदायों के बीच जागरूकता को बढ़ावा देना चाहिए। वेस्ट में कमी, रीसाइक्लिंग और वेस्ट से एनर्जी उत्पादन के लाभों पर शिक्षा देनी चाहिए ।