विश्व स्वास्थ्य दिवस की स्थापना पहली बार 1999 में वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (World Heart Federation-WHF) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से की थी। वार्षिक आयोजन का विचार 1997-2011 तक WHF के अध्यक्ष एंटोनी बेयस डी लुना द्वारा कल्पना की गई थी।
शुरुआत में ये दिन सितंबर के आखिरी रविवार को मनाया जाता था, जिसका पहला उत्सव 24 सितंबर, 2000 को हुआ था। और 2011 तक, इसे सितंबर में अंतिम रविवार के रूप में चिह्नित किया गया था। बाद में इसे 29 सितंबर के रूप में तय किया गया, ठीक उसी तारीख को जब अंतर्राष्ट्रीय विश्व हृदय दिवस मनाया जाएगा, जिसमें 90 से अधिक देश इस विश्व आयोजन में भाग लेने के लिए एक साथ आएंगे।
विश्व हृदय दिवस या वर्ल्ड हार्ट डे क्यों मनाया जाता है
विश्व हृदय दिवस या वर्ल्ड हार्ट डे हर साल 29 सिंतबर को मनाया जाता है। आज के दिन लोगों दिल से जुड़ी बीमारी और समस्याओं को लेकर जागरूक किया जाता है। आपको मालूम हो कि दुनियाभर में हर साल करीब 17 मिलियन लोग दिल की बीमारी (सीवीडी) की वजह से मौत के मुंह में चले जाते हैं। इन मौता का असल कारण कोरोनरी हार्ट डिजीज या स्ट्रोक रहा है। हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों को देखते हुए ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन ने मिलकर वर्ल्ड हार्ट डे की शुरुआत की। उनका मकसद था कि आज के दिन लोगों को जागरूक किया जाता है कि हार्ट अटैक से बचाव कैसे करें या इसके लक्षण क्या होते हैं।
महत्व
विश्व हृदय दिवस का अंतिम उद्देश्य दुनिया का ध्यान उस व्यवहार की ओर आकर्षित करना है जो व्यक्तियों को हृदय रोगों की ओर झुकाव से रोक सकता है और लोगों को शरीर के इस तरह के एक प्रतिष्ठित अंग से संबंधित संभावित जोखिमों का प्रबंधन करने के लिए कौशल भी प्रदान करता है। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन ने आज विश्व जनसंख्या को प्रभावित करने वाले विभिन्न हृदय संबंधी मुद्दों और बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिन की स्थापना की।
आपके लिए खास टिप्स
आज पूरी दुनिया ही कामयाबी और पैसा के लिए भाग रही है। इसके लिए लोग खानापीना और सोना तक छोड़ देते हैं। यही वजह है कि आजकल हर किसी की लाइफस्टाइल पूरी बिगड़ी हुई है। खानपान और अन्य चीजें समय पर नहीं होने लोग कई गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। मानसिक तनाव और मोटापा से तो आज हर दूसरा व्यक्ति परेशान है। सही खानपान और लाइफस्टाइल नहीं होने की वजह से दिल की बीमारी भी लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है।
आज हार्ट अटैक साइलेंट किलर बन चुका है जो चुपके से आता है व्यक्ति की जान ले लेता है। लोगों को अंदाजा भी नहीं हो पाता है और उन्हें दिल से जुड़ी कई बीमारी हो जाती है। हालांकि, अपनी आदतों से कुछ सुधार कर के अपने दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है। यहां हम आपको हार्ट अटैक के लक्षण से लेकर उसके बचाव तक के तरीके बताएंगे। इसके साथ ही दिल के लिए क्या खाना अच्छा रहेगा और क्या नहीं इसकी जानकारी भी हम आपको देंगे।
इन चीजों को अपने डाइट में शामिल करें
- हरी सब्जियां
- अखरोट और मूंगफली
- ताजे फल
- फाइबर और प्रोटीन वाली चीजें
- डार्क चॉकलेट
- बींस (फलिया)
- हल्दी
- दालचीनी
दिल के लिए अच्छी नहीं है ये खाने की चीजें
- मक्खन (Butter)
- क्रीम सॉस
- पैक्ड या डिब्बा बंद फूड न खाएं
- कैलोर वाली चीजें कम खाएं
- जंक फूड
- आइस्क्रीम और आलू चिप्स
- असमय भोजन और मैदा से बनीं खानें की चीजों से दूर रहें
इन चीजों से आज ही बना लें दूरी, दिल हमेशा रहेगा चंगा!
- धूम्रपान न करें।
- शराब या अन्य नशे की चीजों से दूर रहें।
- तंबाकू का सेवन बिल्कुल न करें।
- ज्यादा स्ट्रेस (चिंता या तनाव) न लें।
- ज्यादा तेल या मसालों से बनी चीजों को खाने से बचें।
दिल से जुड़ी बीमारी और हार्ट अटैक से बचाव के तरीके
- लाइफस्टाइल में जल्द से जल्द बदलाव करें।
- समय पर खाएं और सोएं।
- फिजिकल एक्टिविटिज या एक्सरसाइज जरूर करें।
- अगर वजन अधिक बढ़ा हुआ है तो उसे कम कर लें
- खान-पान का खास ख्याल रखें।
- कॉलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल रखें।
- बल्ड प्रेशर का भी ध्यान रखें।
हार्ट अटैक के मुख्य लक्षण-
- सीने में दर्द होना
- जी मचलाना
- गर्दन, पीठ और जबड़े में दर्द होना
- सीने में जकड़न की समस्या
- अत्याधित थकान होना
- सांस का फूलना