यूट्यूब पर लाइक-शेयर के नाम पर ठगी
कुछ दिन खातों में डाला पैसा, मौका मिलते ही कई लोगों के कर दिए बैंक अकाउंट साफ
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन।साइबर सेल भले ही कितनी ही एडवाइजरी जारी क्यों न कर दें। मगर, फिर भी लोग आसानी से रुपया कमाने के चक्कर में साइबर ठगों के झांसे में आ जाते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं। हाल ही में यूट्यूब पर लाइक और शेयर के नाम पर शहर के दो लोगों के बैंक खातों से हजारों रुपए ठगों ने गायब कर दिए।
सोशल मीडिया पर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं । पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच में आए दिन सोशल मीडिया के जरिए ठगाए लोग शिकायत करने पहुंच रहे हैं। साइबर पुलिस का कहना है कि लोगों को साइबर ठगों से बचाने के लिए समय-समय पर एडवाइजरी जारी की जाती है।
जब तक लोग इन पर अमल शुरू करते हैं उसके पहले ही साइबर ठग नए तरीके से सोशल मीडिया पर अपना जाल फेंक कर लोगों को ठगना शुरू कर देते हैं। लोगों भी सोशल मीडिया पर आने वाले लुभावने और कम समय में बगैर मेहनत के अधिक रुपया कमाने के चक्कर में ऐसे मैसेज के झांसे में आसानी से आ जाते हैं। साथ ही कुछ रुपए कमाने के चक्कर में अपनी जमा पूंजी को भी खो बैठते हैं।
माधवनगर थाना पुलिस और साइबर सेल को भी एक ऐसी ही शिकायत मिली है। जिसमें यूट्यूब पर लाइक शेयर करने के नाम पर कुछ धोखेबाजों ने शहर के कई लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हुए लाखों रुपए की चपत लगाई है।
फ्रीगंज और शास्त्रीनगर के लोग बने निशाना
साइबर सेल के अनुसार माधवनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत फ्रीगंज निवासी आशीष कुमार जैन और शास्त्रीनगर में रहने वाले मुकेश वर्मा ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनके टेलीग्राम पर एक मैसेज आया, जिसमें बताया गया था कि यह मान्यता प्राप्त कंपनी है और हम इस कंपनी के एचआर है। आपको घर बैठे यूट्यूब पर लाइक शेयर करना है जिससे आप प्रतिदिन 200 से 8000 रुपए तक कमा सकते हैं।
झांसे में आए और खाता खाली
पुलिस को दी शिकायत में पीडि़तों ने बताया कि जल्दी रुपए कमाने के चक्कर में हम टेलीग्राम पर मैसेज करने वाले धोखेबाजों के झांसे मे आ गए। हमने अपना खाता नंबर और अन्य सभी जानकारियां भी धोखेबाजों को दे दी थी। शुरुआत में तो धोखेबाजों ने आशीष और मुकेश के बैंक खातों में कुछ रुपया डाला, लेकिन बाद मेें लाखों रुपए निकाल लिए। ठगे जाने के बाद दोनों ने थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस मामले में जांच कर रही है।