अमेरिका नहीं जा सकेंगे भारतीय, सिर्फ इनको मिलेगी छूट

अमेरिका ने भारत से अपने यहां आने वाले गैर अमेरिकी लोगों की यात्रा पर पाबंदी लगाई है। अमेरिकी सरकार ने कोरोना महामारी के गंभीर संकट से जूझ रहे भारत से ऐसे सभी गैर-अमेरिकियों के अपने देश में प्रवेश पर रोक लगा दी है जो बीते 14 दिनों के भीतर भारत में रहे हों। यह प्रतिबंध आज से प्रभावी हो गए हैं।

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किनको मिलेगी छूट?
भारत में कोविड-19 के प्रकोप के चलते ऐसा किया गया। हालांकि, इस आदेश से अमेरिकी नागरिकों, ग्रीन कार्ड धारकों और उनके गैर-अमेरिकी जीवनसाथी और बच्चों को छूट रहेगी। इसके अलावा कुछ श्रेणियों में छात्रों, शिक्षाविदों और पत्रकारों को भी छूट रहेगी।

कब तक लागू किए गए प्रतिबंध?
ये यात्रा प्रतिबंध अनिश्चितकाल के लिए लागू किए गए हैं और इस संबंध में राष्ट्रपति के अगले घोषणा पत्र से ही ये समाप्त हो सकते हैं। यानी यह पाबंदी अमेरिकी राष्ट्रपति के अगले आदेश तक जारी रहेगी।यह फैसला स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग के तहत रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की सलाह पर किया गया है।

कक्षाएं शुरू होने के 30 दिन में अमेरिका आ सकते हैं छात्र
विदेश मंत्रालय ने 26 अप्रैल को जारी आदेश में कहा था कि जिन छात्रों के पास वैध एफ-1 और एम-1 वीजा है, मगर उनकी कक्षाएं एक अगस्त या उसके बाद शुरू होने वाली हैं, उन्हें यात्रा के लिए अभी छूट हासिल करने की जरूरत नहीं है। कक्षाएं शुरू होने के पहले 30 दिनों के भीतर ही वे अमेरिका में प्रवेश कर सकते हैं। छात्र निकटवर्ती दूतावास या कौउंसलेट में जाकर अपने वीजा की स्थिति देख सकते हैं।

मालूम हो कि रिपब्लिकन सांसदों ने राष्ट्रपति जो बाइडन के भारत से यात्रा पर पाबंदी के फैसले को लेकर विरोध जताया था। सांसद टिम बरचेट ने ट्वीट कर कहा था कि, भारत हमारा सहयोगी और वहां से यात्रा पर हम पाबंदी लगा रहे हैं, जबकि मैक्सिको जाने वाली सीमा को खुला छोड़ दिया गया है। यह तार्किक फैसला नहीं है। वहीं, एक और रिपब्लिकन सांसद जोडी एरिंगटन ने कहा, बाइडन का यह फैसला वैसा ही, जैसे कि आप सामने के दरवाजे पर ताला लगा दें, मगर पीछे के दरवाजे को खुला छोड़ दें। एक महिला सांसद लॉरेन बोएबर्ट ने कहा, मुझे लगता है कि यह दूसरे देशों को नापसंद करने जैसा है। जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोप से यात्रा पर पाबंदी लगाई थी, तब डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रहे बाइडन ने ट्रंप के फैसले का विरोध किया था।

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