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उज्जैन: गंभीर डैम रहेगा लबालब, क्षमता बढ़ाने की तैयारी में सरकार

अब बिना खर्च नर्मदा का पानी शिप्रा में आएगा

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अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन पार्वती, कालीसिंध और चंबल लिंक परियोजना के लिए मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच बड़ा समझौता होने के बाद शिप्रा नदी को प्रवाहमान बनाने में बड़ी मदद मिलेगी। सरकार अब नर्मदा का पानी बगैर बिजली खर्च किए शिप्रा नदी में आ सकेगा। इससे शिप्रा प्रवाहमान रहेगी और गंभीर डेम में भी वाटर लेवल अच्छा रहेगा। डेम की क्षमता बढ़ाने की तैयारी भी की जा रही है।

 

प्रदेश सरकार ने अब उज्जैन सहित पूरे मालवा बेल्ट को हराभरा बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। अभी नर्मदा का पानी शिप्रा में प्रवाहित करने के लिए बिजली पर खर्चा अधिक आता है। इसके लिए प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने संबंधित विभागों को कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया था। सूत्रों के अनुसार इसका तकनीकी अध्ययन कराया गया है। इसका एक प्रेजेंटेशन भी दिया जा चुका है। इसके तहत शिप्रा नदी के उद्गम स्थल के पास एक बड़ा डेम इस तकनीक से बनाने की योजना है, जिससे नर्मदा का पानी अपने आप बहते हुए शिप्रा में मिल सकेगा। इससे सरकार पर बिजली का खर्च नहीं पड़ेगा। इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है और सिंहस्थ से पहले यह आकार ले सकता है। जल्द ही सीएम की उपस्थिति में इस पर निर्णय लिया जा सकता है।

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75 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट बदलेगा मालवा की कहानी

पार्वती, कालीसिंध और चंबल लिंक परियोजना करीब 75 हजार करोड़ की है। इससे सबसे ज्यादा फायदा नर्मदा शिप्रा लिंक प्रोजेक्ट को मिलेगा। 3.37 लाख हेक्टेयर जमीन पर किसान सिंचाई कर सकेंगे। इससे गंभीर डेम में पानी का प्रवाह बढ़ेगा। इस कारण सरकार डेम की क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रही है।

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31 को कैबिनेट में होंगे महत्वपूर्ण फैसले: 31 जनवरी को कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। बैठक में राज्य सरकार अपने पहले बजट पर चर्चा कर सकती है।साथ ही आगामी बजट में सरकार की ओर से नई योजनाओं को शामिल करने पर सहमति बन सकती है। कई अहम प्रस्तावों पर सहमति बनने की संभावना है। बैठक में 10 से ज्यादा प्रस्ताव पर चर्चा होगी।

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