उज्जैन में Remdesivir की नहीं मिल रही सही जानकारी, आज भी हो सकते है विवाद

उज्जैन। शहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर कल रात को निजी अस्पतालों में विवाद हुए। आज सुबह भी यही चलता रहा। इधर परेशान होकर रात को ड्रग इंस्पेक्टर ने मोबाइल फोन बंद कर लिया। आज दोपहर तक फोन बंद आता रहा। निकटवर्ती सूत्रों के अनुसार लोगों के पास उनका नम्बर इतना आम हो गया कि हर कोई पीड़ा सुनाता है और हॉस्पिटल एवं मेडिकल स्टोर्स की शिकायत करता है। ऐसे में वे दूसरा काम नहीं कर पाते हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
तो बात हो रही थी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी की। पिछले दो दिनों तक तो यह इंजेक्शन शासन की ओर से उज्जैन जिले को मिले ही नहीं। कल रात्रि में 80 इंजेक्शन आए, जिसमें से 30 चरक को ओर 50 शा. माधवनगर को वितरित किए गए। यहां भी जिन्हे बहुत आवश्यकता थी,उन्ही को इंजेक्शन लगाया गया। अनेक मरीज शासकीय एवं निजी हॉस्पिटल में ऐसे हैं जिन्हे इंजेक्शन लग रहे हैं ओर तीन दिन से उनकी नियमितता गड़बड़ा गई है। इसके कारण उनके स्वास्थ्य पर असर गिर रहा है। लोगों का कहना है कि अभी भी निजी अस्पतालों के संचालकों के द्वारा पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है। वहां संचालित मेडिकल स्टोर्स संचालकों द्वारा मनमानी की जा रही है।
किसे लगा इंजेक्शन हमें नाम की जानकारी नहीं
ड्रग इंस्पेक्टर धरमसिंह कुशवाह के अनुसार जितनी डिमांड निजी अस्पताल भेजते हैं, उनको उपलब्धता अनुसार इंजेक्शन देते हैं। रात्रि में निजी अस्पताल हमें सूची भेजते है कि किस मरीज को इंजेक्शन लगाया गया। हमें न तो नाम की सूची मिलती है और न हम नाम के अनुसार इंजेक्शन भेजते हैं। जिसे पहले आवश्यकता है, उसे लगे, इस बात का निर्देश जरूर देते हैं। किसी को शिकायत/समस्या है तो कलेक्टर सर को बता सकते हैं।